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बिलासपुर: गोधन न्याय योजना का शुभारंभ, अरुण सिंह ने की सीएम भूपेश की तारीफ - hareli

ग्राम पंचायत खैरा के मुख्य अतिथि अरुण सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान गाय, बैल नागर की पूजा अर्चना कर गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया.

hareli celebrated in bilaspur kota
गोधन न्याय योजना का शुभारंभ
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Published : Jul 20, 2020, 10:31 PM IST

बिलासपुर : प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के तहत हरेली तिहार के पावन पर्व पर गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई. इसकी शुरुआत जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह ने खैरा में की है.

hareli celebrated in bilaspur kota
हरेली पर्व का रंग
मुख्य अतिथि अरुण सिंह चौहान ने योजना की सराहना करते हुए कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल की सोच का परिणाम है, जो हरेली हम मना रहे हैं. यह उसका सार्थक स्वरूप है. सभी प्रदेश की अपनी संस्कृति होती है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पुनर्स्थापना की जा रही है. चाहे वह गौठान निर्माण हो, रोका छेका या फिर गोधन न्याय योजना. इन सभी प्रयासों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही गरीब, ग्रामीण को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है और गोवंश को उनका सम्मान लौटाया जा रहा है’.

पढ़ें : VIDEO: मुख्यमंत्री ने मनाई हरेली, गेड़ी चढ़कर, लट्टू नचाकर दी शुभकामनाएं

उन्होंने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री के प्रयास से गांव-गांव में गौठान बनवा दिया गया है, जिससे आवारा पशु इधर-उधर नहीं भटक रहे हैं. धान की खरीदी 25 सौ रुपए में हो रही है, जिसके चलते किसान समृद्ध हो रहे हैं. कई लोग ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं और खेती बाड़ी की ओर लौट रहे हैं. किसी को किसी के पास हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है. व्यवस्थित गौठान का निर्माण किया गया है’.

हरेली है खास

सावन मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले हरेली पर्व में किसान कृषि औजारों की पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना करते हैं. किसान इस दिन की शुरुआत औजारों की पूजा के साथ करते हैं और पूरा दिन घर पर ही बिताते हैं. अन्नदाता घर पर रहकर ही खेत में काम आने वाले औजार जैसे नागर, गैंती, कुदाली और रापा की साफ-सफाई कर पूजा करते हैं.

बिलासपुर : प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के तहत हरेली तिहार के पावन पर्व पर गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई. इसकी शुरुआत जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह ने खैरा में की है.

hareli celebrated in bilaspur kota
हरेली पर्व का रंग
मुख्य अतिथि अरुण सिंह चौहान ने योजना की सराहना करते हुए कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल की सोच का परिणाम है, जो हरेली हम मना रहे हैं. यह उसका सार्थक स्वरूप है. सभी प्रदेश की अपनी संस्कृति होती है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पुनर्स्थापना की जा रही है. चाहे वह गौठान निर्माण हो, रोका छेका या फिर गोधन न्याय योजना. इन सभी प्रयासों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही गरीब, ग्रामीण को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है और गोवंश को उनका सम्मान लौटाया जा रहा है’.

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उन्होंने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री के प्रयास से गांव-गांव में गौठान बनवा दिया गया है, जिससे आवारा पशु इधर-उधर नहीं भटक रहे हैं. धान की खरीदी 25 सौ रुपए में हो रही है, जिसके चलते किसान समृद्ध हो रहे हैं. कई लोग ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं और खेती बाड़ी की ओर लौट रहे हैं. किसी को किसी के पास हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है. व्यवस्थित गौठान का निर्माण किया गया है’.

हरेली है खास

सावन मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले हरेली पर्व में किसान कृषि औजारों की पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना करते हैं. किसान इस दिन की शुरुआत औजारों की पूजा के साथ करते हैं और पूरा दिन घर पर ही बिताते हैं. अन्नदाता घर पर रहकर ही खेत में काम आने वाले औजार जैसे नागर, गैंती, कुदाली और रापा की साफ-सफाई कर पूजा करते हैं.

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