बिलासपुर: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल (Guru Ghasidas Central University Vice Chancellor Professor Alok Kumar Chakrawal) ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के एक मात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी गुरु घासीदास की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाने के लिए विभिन्न क्रियाकलापों का विवरण दिया. इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी में चल रहे विभिन्न कोर्स और शोध की जानकारी दी है. गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने मीडिया से मुखातिब हो कहा कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने का गौरव हासिल है. इस विश्वविद्यालय ने अकादमिक अनुसंधान और अन्वेषण के क्षेत्र में कई नए सोपान हासिल किए हैं. इसके अलावा इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा किए जा रहे हैं.
यूनिवर्सिटी को शिखर तक पहुंचाने का लक्ष्य
कुलपति ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि इस यूनिवर्सिटी को शिखर तक पहुंचाना है. वह 6 महीना पहले इस यूनिवर्सिटी में अपनी सेवा देनी शुरू की और तब से लेकर अब तक विश्वविद्यालय नए मानक स्थापित करने की ओर बढ़ रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विश्वविद्यालय में संपूर्ण रूप में लागू करने में देश में अग्रणी विश्वविद्यालय गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन गया है. राष्ट्रीय उद्यान एवं मूल्यांकन परिषद एवं एनआईआरएफ से विश्वविद्यालय को बेहतर ग्रीटिंग दिलाने के उद्देश्य से ही वह आगे बढ़ रहे हैं.
कौशल को प्रोत्साहित करने वाली विश्व में अपनी तरह की अकेली संस्था
विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के 40 से अधिक एमओयू साइन किए गए हैं, जिसमें मलेशिया के विश्वविद्यालय से एमओयू समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है. इंटरवेंशन सेंटर की स्थापना भी की गई है. इंटर प्योर एंड शिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानी एडीआईआई अहमदाबाद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इंटर प्रयोग सिर्फ डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया उधमिता विकास और कौशल को प्रोत्साहित करने वाली विश्व में अपनी तरह की अकेली संस्था है.
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए विश्वविद्यालय में योजनाबद्ध तरीके से केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को संपूर्ण रूप में लागू करने वाली देश की पहली विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने टास्क फोर्स का गठन किया है. जो आदर्श मानदंड के साथ सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए हमेशा तैयार है. इसके संबंध में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं यूजीसी से मिले दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक बैठक में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को लागू करने में बाधा थी, लेकिन इसे जोर डाल कर समझौते हुए. एबीसी को लागू करने के लिए रोक को हटवाया गया.
ड्रीम प्रोजेक्ट की दी जानकारी
कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल ने बताया कि उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है कि गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कंपलेक्स तैयार किया जाए. जिसमें सभी इंटरनेशनल खेल खेले जाने की सुविधा हो. लेकिन इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए उन्होंने अलग ढंग की सोच बतायी. जैसे चाइना, ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में खिलाड़ियों को बचपन से एक खेल के लिए तैयार किया जाता है, उसी तरह यहां भी बच्चों को बचपन से ही खेलो के लिए तैयार किया जाएगा. इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लगभग 8 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए अब दानदाताओं की खोज की जा रही है ताकि ये प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके.