बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार पैर पसार रहा था.लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने नशे के कारोबार पर नकेल कसी है.निजात अभियान के तहत अवैध रुप से बिकने वाले नशीली सामानों की ना सिर्फ जब्ती की गई. बल्कि इसका कारोबार करने वाले लोगों को दबोचा भी गया.
बिलासपुर में क्राइम का रेट हुआ कम : बात यदि बिलासपुर जिले की करें तो यहां भी पुलिस ने निजात अभियान शुरु किया था. जिसका नतीजा ये हुआ कि बिलासपुर में क्राइम के रेट में 50 फीसदी की कमी आई है. यह सिर्फ इस साल के पांच महीने का आंकड़ा है. जिले में अवैध नशे का कारोबार करने वालों पर नकेल कसा गया ह ै. पुलिस के निजात अभियान और मुख्यमंत्री की अपील का असर भी लोगों पर हुआ है.पुलिस अब इस अभियान को और भी तेज करने की तैयारी में है. वहीं जो लोग नशे की गिरफ्त में हैं उनकी काउंसिलिंग करवाकर उन्हें नशामुक्त किया जा रहा है.
''भले ही कोई इस बात को गलत समझे .लेकिन आज के समय में हर त्यौहार का हिस्सा नशा बन गया है. लोग तरह-तरह के नशा कर त्यौहार मनाते हैं, जिससे त्यौहार खराब तो होता ही है. लोगों को इससे परेशानियां भी होती है. कई बार गंभीर घटना भी घटती है.निजात अभियान के 5 महीने में जिले में देखा जाए तो क्राइम रेट 50% कम हो गया है.'' संतोष सिंह,एसपी
एसपी संतोष सिंह की मेहनत लाई रंग : निजात अभियान को सफल बनाने के लिए एसपी संतोष सिंह की भूमिका किसी से कम नहीं है. नशे को सामाजिक बुराई मानते हुए एसपी संतोष सिंह ने अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ अभियान चलाया.वहीं आम जनता से नशा छोड़ने की अपील की गई. पुलिस ने इसके लिए स्कूल कॉलेज और चौराहों पर कई तरह के कार्यक्रम सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से करवाए. पुलिस का मानना है कि नशे से सिर्फ एक इंसान नहीं बल्कि पूरा परिवार बर्बाद होता है.
चाकूबाजी की घटनाएं भी हुईं कम : बिलासपुर में पिछले साल के मुकाबले इस साल के शुरुआती पांच महीनों में अपराध कम हुए हैं. पिछले साल मारपीट, चाकूबाजी, छेड़छाड़, चोरी और कई घटनाओं में अपराध की संख्या इस साल के मुकाबले 75 फीसदी ज्यादा थी. इन सभी अपराधों में ज्यादातर नशे की हालत में किए गए थे. एसपी संतोष सिंह के मुताबिक आईपीसी के मामलों में 12% कमी आई है. मारपीट के मामलों में 12%, चोरी में 21%, छेड़छाड़ में 46% और सबसे ज्यादा कमी 75 फीसदी की चाकूबाजी की घटनाओं में आई है.