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Fraud in the name of Nagmani :गौरेला में नागमणि के नाम पर 15 लाख की ठगी - Fraud in GPM

पुलिस प्रशासन समय समय पर ठगी से बचने और सावधान रहने के लिए मुहिम चलाकर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत देती है.लेकिन ठगी करने वाले नए नए तरीके खोजकर लोगों को ठगने में कामयाब हो ही जाते हैं. गौरेला में ठगों ने ग्रामीण के घर में मोबाइल टावर और फिर नागमणि दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिए.

Fraud in GPM
गौरेला में नागमणि के नाम पर 15 लाख की ठगी
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Published : Feb 3, 2023, 12:45 AM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : गौरेला थाना क्षेत्र के कन्हारी गांव में एक ग्रामीण से लाखों की ठगी हो गई. रिटायर्ड शिक्षक हरि प्रसाद कश्यप के पास दो लोगों ने संपर्क किया. इसके बाद उन्हें उनकी खाली पड़ी जमीन में मोबाइल टॉवर लगाने का झांसा दिया. लेकिन पहली बार शिक्षक झांसे में नहीं आए और युवकों को टावर लगाने से मना कर दिया.

पहले दिया टावर लगाने का लालच : दोनों युवक कभी फोन तो कभी गांव पहुंचकर रिटायर्ड शिक्षक से संपर्क करते रहे. फिर उन्हें उनकी खाली पड़ी जमीन पर टॉवर लगाने को कहते. उसके एवज में एग्रीमेंट के समय 1 लाख और हर माह टॉवर का किराया 11 हजार रुपए देने का झांसा दिया. फिर भी शिक्षक ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

इस बीच दोनों युवकों के पास एक तीसरा शख्स आया और उसने खुद के पास नागमणि होने का दावा किया और 30 लाख में बेचने की बात कही. उस शख्स को लेकर दोनों युवक रिटायर्ड शिक्षक के पास पहुंचे. फिर नागमणि दिखाकर उसे झांसे में लिया. हरिशंकर को पूरी तरह से विश्वास में लेने के लिए ठगों ने नागमणि की तस्वीर खींचकर एक पंडित को भेजी. पंडित ने इसकी कीमत एक करोड़ रुपए बताई.

ये भी पढ़ें- गौरेला पेंड्रा मरवाही में नर्स से ठगी

झांसे में आ गया शिक्षक : नागमणि की पुष्टि होने के बाद शिक्षक को तीनों लोगों ने अमरकंटक के जलेश्वर मंदिर चलने के लिए कहा. इस दौरान शिक्षक ने तीनों को एडवांस में 15 लाख रुपए दे दिए. तीनों ने मंदिर पहुंचने पर एक डिब्बी में नागमणि शिक्षक को दिखाई और पैसे ले लिए. फिर उस डिब्बी को एक बैग में रखकर शिक्षक को दे दिया. इस दौरान उन्होंने बैग नहीं खोलने की हिदायत दी. उस दिन के बाद से तीनों के मोबाइल बंद आने लगे. बाद में शिक्षक ने जब बैग खोलकर देखा तो उसमें रखी डिब्बी में सिर्फ रुई थी. ठगे जाने पर पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

क्या है पुलिस का बयान : ASP अर्चना झा के मुताबिक ''गौरेला थाने के कन्हारी गांव की ये घटना है. इन लोगों ने पहले शिक्षक को टावर लगाने का झांसा दिया. लेकिन शिक्षक झांसे में नहीं आए.इसके बाद इनका एक और साथी है.जिसने इन्हें खुद के पास नागमणि होने की बात कही.इसके एवज में उसने प्रार्थी से 15 लाख रुपए भी ले लिए.इसके बाद जब मणि नहीं मिली तो प्रार्थी ने पुलिस में कम्प्लेन की है. इस बारे में पुलिस ने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह की टावर लगाने, मणि देने, कॉल में ओटीपी पूछने जैसी घटनाओं को लेकर सचेत रहे. अलग अलग फ्रॉड के तरीके हैं उनसे बचे.''

गौरेला पेंड्रा मरवाही : गौरेला थाना क्षेत्र के कन्हारी गांव में एक ग्रामीण से लाखों की ठगी हो गई. रिटायर्ड शिक्षक हरि प्रसाद कश्यप के पास दो लोगों ने संपर्क किया. इसके बाद उन्हें उनकी खाली पड़ी जमीन में मोबाइल टॉवर लगाने का झांसा दिया. लेकिन पहली बार शिक्षक झांसे में नहीं आए और युवकों को टावर लगाने से मना कर दिया.

पहले दिया टावर लगाने का लालच : दोनों युवक कभी फोन तो कभी गांव पहुंचकर रिटायर्ड शिक्षक से संपर्क करते रहे. फिर उन्हें उनकी खाली पड़ी जमीन पर टॉवर लगाने को कहते. उसके एवज में एग्रीमेंट के समय 1 लाख और हर माह टॉवर का किराया 11 हजार रुपए देने का झांसा दिया. फिर भी शिक्षक ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

इस बीच दोनों युवकों के पास एक तीसरा शख्स आया और उसने खुद के पास नागमणि होने का दावा किया और 30 लाख में बेचने की बात कही. उस शख्स को लेकर दोनों युवक रिटायर्ड शिक्षक के पास पहुंचे. फिर नागमणि दिखाकर उसे झांसे में लिया. हरिशंकर को पूरी तरह से विश्वास में लेने के लिए ठगों ने नागमणि की तस्वीर खींचकर एक पंडित को भेजी. पंडित ने इसकी कीमत एक करोड़ रुपए बताई.

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झांसे में आ गया शिक्षक : नागमणि की पुष्टि होने के बाद शिक्षक को तीनों लोगों ने अमरकंटक के जलेश्वर मंदिर चलने के लिए कहा. इस दौरान शिक्षक ने तीनों को एडवांस में 15 लाख रुपए दे दिए. तीनों ने मंदिर पहुंचने पर एक डिब्बी में नागमणि शिक्षक को दिखाई और पैसे ले लिए. फिर उस डिब्बी को एक बैग में रखकर शिक्षक को दे दिया. इस दौरान उन्होंने बैग नहीं खोलने की हिदायत दी. उस दिन के बाद से तीनों के मोबाइल बंद आने लगे. बाद में शिक्षक ने जब बैग खोलकर देखा तो उसमें रखी डिब्बी में सिर्फ रुई थी. ठगे जाने पर पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

क्या है पुलिस का बयान : ASP अर्चना झा के मुताबिक ''गौरेला थाने के कन्हारी गांव की ये घटना है. इन लोगों ने पहले शिक्षक को टावर लगाने का झांसा दिया. लेकिन शिक्षक झांसे में नहीं आए.इसके बाद इनका एक और साथी है.जिसने इन्हें खुद के पास नागमणि होने की बात कही.इसके एवज में उसने प्रार्थी से 15 लाख रुपए भी ले लिए.इसके बाद जब मणि नहीं मिली तो प्रार्थी ने पुलिस में कम्प्लेन की है. इस बारे में पुलिस ने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह की टावर लगाने, मणि देने, कॉल में ओटीपी पूछने जैसी घटनाओं को लेकर सचेत रहे. अलग अलग फ्रॉड के तरीके हैं उनसे बचे.''

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