बिलासपुर: बिलासपुर हाइकोर्ट में बुधवार को कई मामलों में सुनवाई हुई. जिसमें कई को राहत मिली तो कई की मुश्किलें बढ़ गई है. एक मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 40 साल से सोने-चांदी की दुकान चला रहे बलौदा बाजार के सर्राफा कारोबारी को राहत दी है. सर्राफा कारोबारी की 40 साल पुरानी दुकान को तोड़ने के लिए जारी नगर निगम के नोटिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इधर, पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल द्वारा पेश जमानत याचिका को हाईकोर्ट से विड्रॉ कर लिया गया है
बलौदा बाजार के बिलाईगढ़ नगर पंचायत में गौरव पथ रोड का निर्माण किया जा रहा है. इस रोड निर्माण की जद में आने वाले दुकानों और मकानों को बलौदा बाजार नगर निगम द्वारा तोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में याचिकाकर्ता पन्ना लाल सोनी को भी नगर निगम द्वारा नोटिस जारी कर उनकी दुकान को तोड़ने की सूचना दी गई थी. पन्नालाल बीते 40 साल से सरकारी पट्टे पर अपने सोने-चांदी की दुकान संचालित कर रहे हैं. नगर निगम द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ पन्नालाल ने हाईकोर्ट की शरण ली. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निगम द्वारा पन्नालाल को जारी नोटिस पर रोक लगाते हुए याचिका निराकृत कर दी है.
बाबूलाल अग्रवाल की याचिका पर हुई सुनवाई
इधर, पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल द्वारा पेश जमानत याचिका को हाईकोर्ट से विड्रॉ कर लिया गया है. वर्तमान में अग्रवाल न्यायिक हिरासत में हैं. पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल पर ईडी ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था. बाबूलाल पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर बेहिसाब संपत्ति अर्जित की और ग्रामीणों के खाते में बिना उनकी जानकारी के पैसे डाले थे. बाद में शिकायत के बाद उनके ऊपर ईडी ने केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अपनी गिरफ्तारी को लेकर जमानत के लिए बाबूलाल अग्रवाल ने जिला न्यायालय ईडी के स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की थी. जहां से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन निचली अदालत के बाद हाईकोर्ट से भी अपनी याचिका खारिज होने की संभावना को देखते हुए उन्होंने जमानत याचिका को वापस ले ली है.
पढ़ें- ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार पर घूस लेने का लगाया आरोप
शासकीय भूमी के निजी हाथों में देने पर सुनवाई
एक और मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. शासकीय घास भूमि के हिस्से को निजी व्यक्तियों के नाम पर सांठगांठ कर चढ़ाए जाने के विरोध में धमतरी के 10 ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसपर सुनवाई कर हाईकोर्ट ने दो निजी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर शासन से भी 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. धमतरी जिले के सेमरडीह गांव में शासकीय घासभूमि को 2 निजी व्यक्तियों के नाम चढ़ा दिया गया है. इसको लेकर कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की गई थी. फिर भी सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीण श्यामलाल साहू और अन्य ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें बताया गया कि इस भूमि का इस्तेमाल स्थानीय लोग अपने मवेशियों के लिए और अपनी सुविधा अनुसार कर लेते थे. अब निजी व्यक्तियों के हाथ चले जाने पर ग्रामवासियों का बड़ा नुकसान होगा. मामले में चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई.