बिलासपुर: नान घोटाले के आरोपी और पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका पर सुनवाई टल गई है. केस में अगली सुनवाई 3 सितंबर को होगी. आलोक शुक्ला की ओर से जवाब पेश न किए जाने के कारण मामले की सुनवाई आगे बढ़ाई गई है.
आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति को बीजेपी नेता नरेश गुप्ता ने याचिका दायर कर चुनौती दी है. अपनी याचिका में नरेश गुप्ता ने कहा है कि पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला नान घोटाले के आरोपी रहे हैं और अभी अग्रिम जमानत पर हैं. साथ ही कोर्ट में आलोक शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. इसलिए ऐसे व्यक्ति को व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो विभागों में संविदा नियुक्ति पर कैसे रखा जा सकता है.
हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
केस में आज आलोक शुक्ला की ओर से जवाब पेश न किए जाने के कारण मामले कि सुनवाई 3 सितंबर तक बढ़ गई है. केस में अब 3 सितंबर को दोबारा जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में सुनवाई होगी. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे शासकीय कर्मचारियों को बीमा का लाभ देने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
पढ़ें: छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में राजीव भवन का ऑनलाइन शिलान्यास, CM बघेल ने किया भूमिपूजन
बता दें, रायपुर के लोकेश कावड़िया ने अधिवक्ता के जरिये इस जनहित याचिका को दायर किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने फील्ड में कार्यरत डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिए बीमा की व्यवस्था की है. इसलिए राज्य सरकार भी अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों समेत अन्य कर्मचारी जो कोरोना वारियर्स के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें भी बीमा का लाभ प्रदान दें. केस में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.