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पूर्व IAS डॉ. आलोक शुक्ला को HC से बड़ी राहत, संविदा नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

पूर्व IAS डॉ. आलोक शुक्ला को HC से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Sep 15, 2020, 3:13 PM IST

बिलासपुर: पूर्व IAS अधिकारी डाॅक्टर आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग के मामले में लगी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दी है.

बता दें कि बीजेपी नेता नरेश गुप्ता की याचिका में डाॅ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति को नियम के खिलाफ बताया गया था. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील ने कोर्ट में जिरह के दौरान नियमों का हवाला देते हुए कहा कि संविदा भर्ती नियम के तहत संविदा नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए जाने का प्रावधान है. जबकि डाॅ.आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के पहले किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया. इसके साथ ही क्रिमिनल केस पेंडिंग होने पर संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती. डाॅ. शुक्ला नान घोटाला मामले में अभियुक्त हैं और उनका नाम चार्जशीट में है. ईडी की जांच जारी है. प्रावधानों के तहत डाॅ.आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती.

पढ़ें- पूर्व IAS की संविदा नियुक्ति को चुनौती देने वाली बीजेपी नेता की याचिका पर फैसला सुरक्षित

गौरतलब है कि डॉ. शुक्ला फिलहाल व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो अन्य विभागों में संविदा के पद पर नियुक्त हैं. पूरे मामले पर बीते दिनों सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे आज जारी कर दिया गया है.

बिलासपुर: पूर्व IAS अधिकारी डाॅक्टर आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग के मामले में लगी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दी है.

बता दें कि बीजेपी नेता नरेश गुप्ता की याचिका में डाॅ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति को नियम के खिलाफ बताया गया था. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील ने कोर्ट में जिरह के दौरान नियमों का हवाला देते हुए कहा कि संविदा भर्ती नियम के तहत संविदा नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए जाने का प्रावधान है. जबकि डाॅ.आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के पहले किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया. इसके साथ ही क्रिमिनल केस पेंडिंग होने पर संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती. डाॅ. शुक्ला नान घोटाला मामले में अभियुक्त हैं और उनका नाम चार्जशीट में है. ईडी की जांच जारी है. प्रावधानों के तहत डाॅ.आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती.

पढ़ें- पूर्व IAS की संविदा नियुक्ति को चुनौती देने वाली बीजेपी नेता की याचिका पर फैसला सुरक्षित

गौरतलब है कि डॉ. शुक्ला फिलहाल व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो अन्य विभागों में संविदा के पद पर नियुक्त हैं. पूरे मामले पर बीते दिनों सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे आज जारी कर दिया गया है.

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