बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में इस साल धान की बंपर आवक हुई है. सरकार ने योजना के अनुरूप समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की है. 31 जनवरी को खरीदी की समाप्ति के बाद अब धान के रखरखाव को लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई है. जिले में विपणन विभाग ने 4 संग्रहण केंद्र बनाए हैं. बिल्हा का ओपन धान संग्रहण केंद्र प्रमुख है.
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बिलासपुर में आंचलिक स्तर पर आने वाले धान के साथ दिगर जिलों का धान भी सहेजा जाता है. इस साल इसकी भी शुरुआत कर दी गई है. अभी फिलहाल बिल्हा क्षेत्र के 12 धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन किया जा रहा है. कई सोसायटी में डंप पड़े धान को संग्रहण के लिए परिवहित किया जा रहा है.
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16 हजार क्विंटल धान संग्रहित
बिल्हा धान संग्रहण केंद्र के प्रभारी रितेश विट्ठलकर ने बताया दो ही दिनों में 16 हजार क्विंटल धान की आवक हो चुकी है. प्रभारी के मुताबिक वर्ष 2019-20 के जाम पड़े धान का उठाव नहीं होने से जगह की समस्या सामने आ रही है. हालांकि उन्होंने जल्द ही धान उठ जाने की बात कही है.
फड़ में जगह की कमी
रितेश विट्ठलकर ने कहा कि धीमी गति से धान उठाव और तेज गति से आवक को लेकर फड़ में जगह की कमी सामने आ सकती है, जिसके मद्देनजर विकल्प को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि धान को सुरक्षित रखा जा सके.
अतिरिक्त श्रमिकों की व्यवस्था
बिलासपुर में कितने धान की आवक होगी और कितने का उठाव सीधे राइस मिलर करेंगे. इसे लेकर भी संशय बना हुआ है. हालांकि अधिकारी अपने स्तर पर फिलहाल व्यवस्था संभालने में लगे हुए हैं. जिसके लिए अतिरिक्त श्रमिकों की व्यवस्था भी की गई है. धान का जमाव देखकर विभाग परेशान नजर आ रहा है. अधिकारी लगातार उठाव को लेकर तेजी लाने में लगे हुए हैं.