बिलासपुर: धान के कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में किसानों की आंखें धान खरीदी पर टीकी हुई है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो रही है. वहीं देर से धान खरीदी होने से किसानों में खासी नाराजगी है. धान कटाई का काम भी लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन किसानों को धान मंडी में बेचने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा. किसानों का कहना है कि दिवाली का त्योहार है ऐसे में अगर उनकी धान नहीं बिकेगी तो वो अपने घर में रोशनी कैसे करेंगे.
छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून तय वक्त से पहले आ गया था. अच्छी बारिश के कारण इस बार किसानों की फसल की पैदावार भी काफी अच्छी हुई थी, जिससे किसान काफी खुश थे. हर साल की तरह इस साल भी दीपावली से पहले धान की फसल कट चुकी है. ज्यादातर किसानों ने धान मिसाई भी करवा दी है. किसानों को उम्मीद थी कि हर साल की तरह इस साल भी 1 नवंबर से धान खरीदी होगी और वे धान बेचकर दीपावली का त्यौहार मनाएंगे. पर आलम यह है कि धान रखने की व्यवस्था घर पर नहीं है, खुले में ही धान रखा हुआ है. देरी से खरीदी के चलते किसानों को फसल खराब होने की चिंता सता रही है.
पढ़ें:बेमेतरा: धान खरीदी में देरी से किसान मायूस, खत्म होने वाली है कटाई
किसानों के सामने भंडारण की समस्या
सरकारी धान खरीदी के बाद ज्यादातर किसानों के घरों में अब धान रखने की पहले की तरह व्यवस्था नहीं रह गई है. क्योंकि सरकारी खरीदी में ही उन्हें धान के अच्छे दाम मिल जाते हैं, इसलिए ज्यादातर किसान अपने घरों में अपने उपयोग के लायक ही धान के भंडारण की व्यवस्था रखते हैं. अब खरीदी में देरी होने से धान का भंडारण भी उनके लिए एक बड़ी समस्या है. वहीं मामले पर धान खरीदी करने के लिए अधिकृत सोसाइटी के नोडल ऑफिसर का कहना है कि फिलहाल शासन से जो निर्देश आए हैं उसके अनुसार 20 नवंबर तक उन्हें तैयारियां पूरी करने के निर्देश हैं जिसके अनुसार उन्होंने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है, पर जानकारी के मुताबिक धान खरीदी 1 दिसंबर से ही होगी.