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गौरेला पेंड्रा मरवाही में किसानों का हंगामा, जानिए वजह

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Published : May 20, 2022, 8:33 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही में किसानों का हंगामा (Adulteration in dung of Gaurela Pendra Marwahi) बरपा. गोबर खाद लेने पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति में मिलने वाली गोबर खाद मिलावटी है.

cow dung
गोबर खाद

गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में गोबर खाद लेने पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का आरोप है कि समिति में जो गोबर खाद मिल रही है, उसमें गोबर की मात्रा नाम मात्र की है. खाद में मुरुम और रेत है. गोबर खाद नहीं लेने पर धान के बीज के साथ यूरिया खाद और शासन की तरफ से दिया जाने वाला खाद-बीज उन्हें नहीं दिया जाएगा. समिति प्रबंधक भी मान रहे हैं कि गोबर खाद में मुरुम और रेत मिलाया गया है. इसकी जानकारी उन्होंने उच्चाधिकारियों को दे दी है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही किसानों ने किया हंगामा

ये है पूरा मामला: आदिम जाति सेवा सहकारी समिति गौरेला का यह मामला है. किसान गोबर खाद खरीदने के लिए पहुंचे थे. यहां किसानों को शक हुआ कि गोबर खाद में मुरुम, मिट्टी और रेत की मिलावट की गई है. जिसके बाद किसान हंगामा करने लगे. किसानों का कहना है, "शासन सहकारी समितियों के द्वारा 10 रुपए किलो में गोबर का खाद बेच रही है. उसमें गोबर की मात्रा तो 10 फीसदी भी नहीं है. सिर्फ और सिर्फ मिट्टी, मुरुम और रेत है.'' किसानों ने कैमरे के सामने ही गोबर खाद को पानी डालकर साफ किया. जिसमें मिट्टी, मुरुम और रेत साफ-साफ दिखाई दिए जबकि गोबर की मात्रा न के बराबर थी.

यह भी पढ़ें: इस गांव के उपसरपंच की मनमानी देखकर फटी रह जाएंगी आंखें

अधिकारियों को दी गई जानकारी: किसानों का कहना है, "शासन ने अनिवार्य किया है कि आपको गोबर खाद लेना ही पड़ेगा. खाद नहीं लेंगे तो बीज और यूरिया खाद के साथ धान भी नहीं खरीदी जाएगी.'' हालांकि जब इस मामले में सहकारी समिति के प्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया ''गोबर खाद का लाट नगर पंचायत गौरेला से आया है. मुझे भी जानकारी किसानों से हुई. गोबर खाद में मिट्टी, मुरुम और रेत की मिलावट होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी है.''

गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में गोबर खाद लेने पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का आरोप है कि समिति में जो गोबर खाद मिल रही है, उसमें गोबर की मात्रा नाम मात्र की है. खाद में मुरुम और रेत है. गोबर खाद नहीं लेने पर धान के बीज के साथ यूरिया खाद और शासन की तरफ से दिया जाने वाला खाद-बीज उन्हें नहीं दिया जाएगा. समिति प्रबंधक भी मान रहे हैं कि गोबर खाद में मुरुम और रेत मिलाया गया है. इसकी जानकारी उन्होंने उच्चाधिकारियों को दे दी है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही किसानों ने किया हंगामा

ये है पूरा मामला: आदिम जाति सेवा सहकारी समिति गौरेला का यह मामला है. किसान गोबर खाद खरीदने के लिए पहुंचे थे. यहां किसानों को शक हुआ कि गोबर खाद में मुरुम, मिट्टी और रेत की मिलावट की गई है. जिसके बाद किसान हंगामा करने लगे. किसानों का कहना है, "शासन सहकारी समितियों के द्वारा 10 रुपए किलो में गोबर का खाद बेच रही है. उसमें गोबर की मात्रा तो 10 फीसदी भी नहीं है. सिर्फ और सिर्फ मिट्टी, मुरुम और रेत है.'' किसानों ने कैमरे के सामने ही गोबर खाद को पानी डालकर साफ किया. जिसमें मिट्टी, मुरुम और रेत साफ-साफ दिखाई दिए जबकि गोबर की मात्रा न के बराबर थी.

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अधिकारियों को दी गई जानकारी: किसानों का कहना है, "शासन ने अनिवार्य किया है कि आपको गोबर खाद लेना ही पड़ेगा. खाद नहीं लेंगे तो बीज और यूरिया खाद के साथ धान भी नहीं खरीदी जाएगी.'' हालांकि जब इस मामले में सहकारी समिति के प्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया ''गोबर खाद का लाट नगर पंचायत गौरेला से आया है. मुझे भी जानकारी किसानों से हुई. गोबर खाद में मिट्टी, मुरुम और रेत की मिलावट होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी है.''

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