बिलासपुर : जिले के लोगों की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है. चकरभाठा एयरपोर्ट को 3 सी का लाइसेंस मिलने के बाद अब चंद महीनों में बिलासपुर से हवाई यात्रा शुरू हो जाएगी. हवाई सेवा शुरू करवाने के पीछे कई लोगों के सालों का संघर्ष छिपा हुआ है. एयरपोर्ट की मांग को सबसे पहले एक जनहित याचिका के रूप में बिलासपुर के वरिष्ठ पत्रकार कमल दुबे ने हाईकोर्ट में पेश किया था. ETV भारत ने इस विषय पर कमल दुबे से खास बातचीत की.
सवाल- आपने जो शुरुआत कब की थी और क्या सोच थी इसके पीछे ?
जवाब- 2016 में केंद्र सरकार ने रिजीनल कनेक्टिविटी स्कीम को लॉन्च किया था. इस बीच एक अखबार ने प्रदेश में उड़ान को लेकर विस्तृत सर्वे किया. सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित भी हुई, लेकिन तत्कालीन सरकार की इस मामले में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखी. अनाधिकृत रूप से सर्वे का हिस्सा मैं भी बना था. उस समय ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार समेत कई अन्य राज्यों में अलग-अलग जगहों से हवाई उड़ान की मांग को गम्भीरता से लिया जा रहा था और इन राज्यों को इसका लाभ भी मिला. तब हमें लगा कि हाईकोर्ट जाना जरूरी है. हाईकोर्ट जाने की तैयारी 2016 से शुरू हो गई थी और 2017 के फरवरी महीने में हमने एक जनहित याचिका दायर की.
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सवाल- आप पहले याचिकाकर्ता थे आपके बाद भी कई लोग आए ?
जवाब- जनहित याचिका दायर करते वक्त मन में इस याचिका को जनहित याचिका के रूप में स्वीकारने को लेकर एक शंका बनी हुई थी, लेकिन आखिरकार हमारे सीनियर अधिवक्ता के माध्यम से दायर जनहित याचिका को कोर्ट ने स्वीकार लिया. इस मामले में लम्बी सुनवाई चली. हमारी जनहित याचिका पहली याचिका थी. कुछ महीनों बाद हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन ने भी एक जनहित याचिका दायर की. दोनों ही याचिकाओं को मर्ज कर एकसाथ लंबी सुनवाई चली.
सवाल- पिटिशन की मुख्य बातें क्या थी ?
जवाब- जनहित याचिका में प्रमुख रूप से बिलासपुर शहर से हवाई यात्रा की जरूरत को बताया गया था. याचिका में बिलासपुर में एसईसीएल, एनटीपीसी, रेलवे जोन, हाईकोर्ट जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों के होने और हाईप्रोफाइल आवागमन की जरूरतों पर बल दिया गया था. केंद्र सरकार का लक्ष्य भी था कि डोमेस्टिक एयर टिकटिंग का विस्तार हो.
सवाल- 3 सी लाइसेंस से क्या फायदा मिलेगा और कब तक उड़ाने शुरू हो जाएंगी ?
जवाब- आने वाले समय में संभावना है कि रायपुर में हवाई सुविधाओं का दबाव और ज्यादा बढ़े. इन परिस्थितियों में बिलासपुर एक वैकल्पिक एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो सकता है. उन्होंने 3 सी लाइसेंस का फायदा गिनाते हुए कहा कि अब आने वाले दिनों में 72 से 80 सीटर विमानों की उड़ान सम्भव हो पाएगी. बिलासपुर से देश के महानगरों की एयर कनेक्टिविटी बढ़ने की संभावना बढ़ेगी और 4 सी के लिए मार्ग भी खुलेगा. यह लड़ाई उनकी अकेले की लड़ाई नहीं है यह पूरे शहर की जीत है. हम स्मार्टसिटी की ओर बढ़ रहे हैं जिसका यह महत्वपूर्ण अंग है.
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72 सीटर विमान की इजाजत
भारत सरकार के नागर विमानन विभाग के महानिदेशक कार्यालय ने बिलासपुर एयरपोर्ट के 2 सी लाइसेंस को अपग्रेड कर 3 सी कैटेगरी का लाइसेंस जारी कर दिया गया है. बिलासपुर के चकरभाठा एयरपोर्ट को 3-सी कैटेगरी के लाइसेंस मिलने से अब यहां 72 सीटर एयरक्राप्ट उतर सकेंगे. जबकि इसके पहले 2 सी कैटेगरी का लायसेंस होने की वजह से 40 सीटर एयरक्राप्ट ही यहां उतर सकते थे. 72 सीटर एयरक्राप्ट के संचालन से बिलासपुर सहित पूरे उत्तर छत्तीसगढ़ की जनता को बड़ी सुविधा मिलेगी और पूरे देश से उनकी एयर कनेक्टिविटी मजबूत होगी.
ये होंगे फायदे-
- बिलासपुर एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान के संचालन से बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, चिरमिरी, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया में स्थित औद्योगिक और खनन इकाईयों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को इसका लाभ होगा.
- इस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा साथ ही महानगरों में मौजूद चिकित्सीय सुविधाओं तक इस पूरे अंचल की पहुंच अब और आसान हो जाएगी.
- 72 सीटर विमान के संचालन से न केवल लोगों को न्यायधानी बिलासपुर पहुंचने में आसानी होगी बल्कि बिलासपुर सहित पूरे उत्तर छत्तीसगढ़ की जनता की देश के अन्य महानगरों तक पहुंच सुगम होगी.