बिलासपुरः पेंड्रा का एक ऐसा गांव जहां के लोग बिजली विभाग की लापरवाही से अंधेरे में जीने के लिए मजबूर हैं. बिजली विभाग ने ट्रांसफॉर्मर तो लगा दिया, लेकिन बिजली देना भूल गया है. बिजली नहीं मिलने पर ग्रामीण बिजली शुरू कराने के लिए विभागीय अधिकारियों के पास चक्कर लगाकर थक चुके हैं.
दो साल से बिजली की राह देख रहे ग्रामीण
दरअसल, पूरा मामला पडरीखार के करमठिया मोहल्ले का है, जहां 2 साल पहले घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए पोल के साथ ट्रांसफार्मर लगाया गया था, जिसे देख ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी थी कि जल्द ही उनके घरों में बिजली पहुंचेगी और अंधेरा दूर हो जाएगा, लेकिन प्रशासन और बिजली विभाग की लचर रवैए से 2 साल के बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई है. ग्रामीण आज भी अंधेरे में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
मोमबत्ती के सहारे संवार रहे भविष्य
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली न होना एक गंभीर समस्या है. इस वजह से स्कूली बच्चों को पढ़ने-लिखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बिजली सप्लाई नहीं होने पर कई बार अधिकारियों के पास शिकायत की, लेकिन जवाबदेह अधिकारियों ने मामले से पल्ला झाड़ लिया और समाधान के लिए पेंड्रा और गौरेला के बीच चक्कर लगवाते रहे. ग्रामीणों ने थक हार कर बिजली की उम्मीद छोड़ दी और अंधेरे में जीने की आदत डाल ली है. इसके साथ ही बच्चे लालटेन या मोमबत्ती की रोशनी में अपना भविष्य संवारने में लगे हैं.
मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई
ETV भारत से बातचीत में पेंड्रा रोड़ के SDM ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी हुई है. उन्होंने मामले में बिजली विभाग के अधिकारी से बात कर जल्द से जल्द गांव में बिजली पहुंचाने की बात कही है.