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आम बजट पर अर्थशास्त्री नंद कश्यप की राय, 'कृषि को नहीं मिला बढ़ावा'

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है. जिसमें अर्थशास्त्रियों ने अपनी अलग-अलग राय दी है. उन्होंने कहा कि बजट में कृषि के मद में की गई पहल अपेक्षा के अनुरूप नहीं है.

अर्थशात्री नंद कश्यप
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Published : Jul 6, 2019, 10:23 AM IST

Updated : Jul 6, 2019, 12:17 PM IST

बिलासपुर: शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश किया. बजट पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय सामने आ रही है. एक ओर अर्थशास्त्री बजट में आर्थिक संकट की ओर इशारा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पीपीपी मॉडल पर फोकस करने की आलोचना भी कर रहे हैं.

अर्थशात्री नंद कश्यप की राय

ETV भारत ने अर्थशास्त्री नंद कश्यप से बात की. इस दौरान उन्होंने अधिक आमदनी वाले लोगों से टैक्स वसूली को एक बेहतर पहल बताया. तो वहीं कृषि के मद में बजट में की गई पहल के बारे में कहा कि यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है.

पढ़ें: बिलासपुर: लोगों ने विद्युत वितरण केंद्र का किया घेराव, लगाए ये आरोप

निजीकरण को बढ़ावा देना
नंद कश्यप का कहना है कि 'धान के समर्थन मूल्य में कम बढ़ोतरी की गई है, जो निराशाजनक है. वहीं रेलवे के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने को एक्सपर्ट इसे निजीकरण के दिशा में बढ़ावा देना मान रहे हैं. बजट में रेल की बुनियादी सुविधाओं के लिए स्पष्ट मद को न दिखाने की भी आलोचना हो रही है.

पढ़ें: बिलासपुर: मानसून की दस्तक के साथ पड़ रही बौझारें, खिले किसानों के चेहरे

8 प्रतिशत विकास दर की आवश्यकता
बता दें कि गुरुवार को जिस तरह से आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया गया था, उससे यह साफ है कि देश की बेहतर वित्तीय स्थिति के लिए अगले 5 साल तक 8 प्रतिशत विकास दर की जरूरत होगी.

बिलासपुर: शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश किया. बजट पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय सामने आ रही है. एक ओर अर्थशास्त्री बजट में आर्थिक संकट की ओर इशारा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पीपीपी मॉडल पर फोकस करने की आलोचना भी कर रहे हैं.

अर्थशात्री नंद कश्यप की राय

ETV भारत ने अर्थशास्त्री नंद कश्यप से बात की. इस दौरान उन्होंने अधिक आमदनी वाले लोगों से टैक्स वसूली को एक बेहतर पहल बताया. तो वहीं कृषि के मद में बजट में की गई पहल के बारे में कहा कि यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है.

पढ़ें: बिलासपुर: लोगों ने विद्युत वितरण केंद्र का किया घेराव, लगाए ये आरोप

निजीकरण को बढ़ावा देना
नंद कश्यप का कहना है कि 'धान के समर्थन मूल्य में कम बढ़ोतरी की गई है, जो निराशाजनक है. वहीं रेलवे के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने को एक्सपर्ट इसे निजीकरण के दिशा में बढ़ावा देना मान रहे हैं. बजट में रेल की बुनियादी सुविधाओं के लिए स्पष्ट मद को न दिखाने की भी आलोचना हो रही है.

पढ़ें: बिलासपुर: मानसून की दस्तक के साथ पड़ रही बौझारें, खिले किसानों के चेहरे

8 प्रतिशत विकास दर की आवश्यकता
बता दें कि गुरुवार को जिस तरह से आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया गया था, उससे यह साफ है कि देश की बेहतर वित्तीय स्थिति के लिए अगले 5 साल तक 8 प्रतिशत विकास दर की जरूरत होगी.

Intro:आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की दूसरी कार्यकाल की बजट पेश कर दी है । बजट पेश होने के बाद एक्सपर्ट इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं । बजट में आर्थिक संकट के दौर को स्वीकारने को जहाँ एक सकारात्मक पहलू के रूप में देखा जा रहा है तो वहीं पीपीपी मॉडल पर फोकस करने की आलोचना भी हो रही है ।


Body:बजट में अधिक आमदनीवाले लोगों से टैक्स वसूली को एक्सपर्ट नँद कश्यप एक बेहतर पहल बता रहे हैं तो वहीं कृषि के मद में बजट में किये गए पहल को बेहद ही कम आंका जा रहा है ।


Conclusion:बजट में बीमा कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने की आलोचना भी हो रही है तो वहीं विशेषज्ञ धान के समर्थन मूल्य में कम बढ़ोतरी को भी निराशाजनक मान रहे हैं । दूसरी ओर रेलवे के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने को एक्सपर्ट इसे निजीकरण के दिशा में बढ़ना बता रहे हैं । बजट में रेल की बुनियादी सुविधाओं के लिए स्पष्ट मद को ना दिखाने की भी आलोचना हो रही है ।आपको जानकारी दें कि कल जिस तरह से आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया गया था उससे यह स्पष्ट है कि देश की बेहतर वित्तीय स्थिति के लिए अगले 5 साल तक 8 प्रतिशत विकास दर की आवश्यकता होगी ।
बाईट..... नँद कश्यप....बजट विशेषज्ञ
विशाल झा...... बिलासपुर
Last Updated : Jul 6, 2019, 12:17 PM IST
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