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Bilaspur : दुर्ग आईजी का निर्देश हाईकोर्ट ने किया रद्द, एसआई के खिलाफ कार्रवाई का मामला - छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन

वर्तमान में कांकेर में तैनात एसआई सौरभ उपाध्याय को कवर्धा में ड्यूटी के दौरान वायरलेस सेट गुमाने की सजा मिली थी. लापरवाही बरतने पर सौरभ उपाध्याय को एसपी कबीरधाम ने सजा दी, लेकिन इस सजा को दुर्ग आईजी ने कम मानते हुए एसपी को जांच के बाद दोबारा सजा देने को कहा. इसके खिलाफ एसआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने दोबारा जांच के निर्देश को निरस्त कर दिया है.

Durg IG instruction canceled
दुर्ग आईजी का निर्देश हाईकोर्ट ने किया रद्द
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Published : May 6, 2023, 6:21 PM IST

बिलासपुर : दुर्ग आईजी ने कबीरधाम एसपी को वायरलेस सेट गुम हो जाने के मामले में दोबारा जांच के लिए निर्देशित किया था. इस मामले में एसआई सौरभ उपाध्याय को पहले ही सजा दी जा चुकी थी, लेकिन दोबारा जांच करने और फिर से सजा देने के निर्देश पर एसआई ने हाईकोर्ट की शरण ली. सब इंस्पेक्टर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि किसी भी मामले में 6 माह के अंदर ही पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन इस मामले में 8 माह बाद पुनरीक्षण का आदेश दिया गया. इस मामले में कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर के खिलाफ आईजी दुर्ग के जारी पुनरीक्षण आदेश को निरस्त कर दिया है.

क्या है पूरा मामला : एसआई सौरभ उपाध्याय कबीरधाम के थाना चिल्फी में तैनात थे. पदस्थापना के दौरान उनसे एक वायरलेस सेट गुम हो जाने पर एसपी कबीरधाम ने लापरवाही के आरोप में सौरभ उपाध्याय को निन्दा की सजा दी थी. लेकिन 8 माह के बाद पुनरीक्षण का आदेश दिया गया. इस मामले में सब इंस्पेक्टर सौरभ उपाध्याय ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से याचिका दायर की.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में दो सत्र न्यायधीशों समेत कई जजों का ट्रांसफर

याचिका में क्या दी गई दलील : याचिका में बताया गया है कि ''छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन 270 (4) के अनुसार यदि अपीलीय अधिकारी किसी कर्मचारी के विरूद्ध पारित लघुदण्ड से असंतुष्ट है. यदि वह दीर्घ दण्ड देना चाहता है तो पुनरीक्षण आदेश जारी करने के पहले उस पुलिस कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का पर्याप्त अवसर मिलता है. इसके साथ ही लघुदंड को दीर्घदंड में बदलने के लिए 6 माह के भीतर ही पुनरीक्षण शक्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस मामले में पुलिस आईजी दुर्ग ने आठ माह बाद पुनरीक्षण की शक्ति का प्रयोग किया है.'' हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए आईजी दुर्ग के आदेश को निरस्त कर दिया है.

बिलासपुर : दुर्ग आईजी ने कबीरधाम एसपी को वायरलेस सेट गुम हो जाने के मामले में दोबारा जांच के लिए निर्देशित किया था. इस मामले में एसआई सौरभ उपाध्याय को पहले ही सजा दी जा चुकी थी, लेकिन दोबारा जांच करने और फिर से सजा देने के निर्देश पर एसआई ने हाईकोर्ट की शरण ली. सब इंस्पेक्टर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि किसी भी मामले में 6 माह के अंदर ही पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन इस मामले में 8 माह बाद पुनरीक्षण का आदेश दिया गया. इस मामले में कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर के खिलाफ आईजी दुर्ग के जारी पुनरीक्षण आदेश को निरस्त कर दिया है.

क्या है पूरा मामला : एसआई सौरभ उपाध्याय कबीरधाम के थाना चिल्फी में तैनात थे. पदस्थापना के दौरान उनसे एक वायरलेस सेट गुम हो जाने पर एसपी कबीरधाम ने लापरवाही के आरोप में सौरभ उपाध्याय को निन्दा की सजा दी थी. लेकिन 8 माह के बाद पुनरीक्षण का आदेश दिया गया. इस मामले में सब इंस्पेक्टर सौरभ उपाध्याय ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से याचिका दायर की.

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याचिका में क्या दी गई दलील : याचिका में बताया गया है कि ''छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन 270 (4) के अनुसार यदि अपीलीय अधिकारी किसी कर्मचारी के विरूद्ध पारित लघुदण्ड से असंतुष्ट है. यदि वह दीर्घ दण्ड देना चाहता है तो पुनरीक्षण आदेश जारी करने के पहले उस पुलिस कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का पर्याप्त अवसर मिलता है. इसके साथ ही लघुदंड को दीर्घदंड में बदलने के लिए 6 माह के भीतर ही पुनरीक्षण शक्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस मामले में पुलिस आईजी दुर्ग ने आठ माह बाद पुनरीक्षण की शक्ति का प्रयोग किया है.'' हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए आईजी दुर्ग के आदेश को निरस्त कर दिया है.

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