बिलासपुर: बिलासपुर के शासकीय डॉक्टर बीआर अंबेडकर स्कूल की जर्जर बिल्डिंग तोड़ने का काम चल रहा है. भवन स्कूल कैम्पस में है, जहां पहले से ही प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है. छोटे-छोटे बच्चों की क्लास लगती है. ऐसे में भवन तोड़ने का काम शुरू किया गया है. जिससे उनकी जान सांसत में है. यहा कभी भी अप्रिय घटना घट जाएगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
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जान जोखिम में डालकर पढ़ेंगे बच्चें: डॉक्टर अंबेडकर हाई सेकेंडरी स्कूल में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा हो गई है. वहां शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद जर्जर भवन को तोड़ा जा रहा है. साथ ही छप्पर भी दुरुस्त किए जा रहे हैं. इसके कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्र परेशान हो रहे हैं. अंग्रेजी स्कूल खुलने के बाद परेशानी और बढ़ेगी. शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद जर्जर स्कूल भवन तोड़ना लापरवाही को दर्शाता है. लापरवाही इतनी की एक तरफ स्कूल लग रही और दूसरी तरफ जर्जर भवन गिराए जा रहे. छोटे बच्चों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां भवन तोड़कर नए भवन बनाने की योजना है. ऐसे में पूरे साल ही बच्चो की जान जोखिम में रहेगी.
जिला | जर्जर | अति जर्जर | भवनविहीन |
बिलासपुर | 593 | 242 | 22 |
कोरबा | 645 | 225 | 08 |
रायगढ़ | 424 | 130 | 23 |
मुंगेली | 231 | 93 | 41 |
जांजगीर | 91 | 66 | 41 |
जीपीएम | 135 | 70 | 05 |
सक्ती | 117 | 112 | 07 |
कुल | जर्जर शाला-2236 | अति जर्जर शाला-938 | भवनविहीन-147 |
सुरक्षा को लेकर प्राचार्य से करेंगे बात: नगर निगम के सभापति शेख नसीरुद्दीन ने कहा कि "बच्चों के सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन से बात किया जाएगा. प्राचार्य को निर्देशित किया जाएगा कि बच्चों के ध्यान रखने व्यवस्था की जाए. इसके अलावा जर्जर भवन की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया जाए और स्कूल आने और जाने के लिए दूसरे रास्ता का उपयोग करें.भवन टूटने से बच्चों की शिक्षा में व्यवधान होगा तो स्कूल के बगल में सामुदायिक भवन है. उसका उपयोग करने के निर्देश में नगर निगम को दे देंगे. जिसके बाद बच्चों की सुरक्षा के साथ ही शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न होने से उसका समाधान हो जाएगा."
सात सौ स्टूडेंट दो पालियों में पड़ते हैं: डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल में दो पालियों में स्कूल लगाई जाती है, जिसमें पहली से लेकर 12वीं तक हिंदी माध्यमिक स्कूल है. इनमें लगभग 700 छात्र छात्राएं पढ़ाई करते हैं. दो शिफ्ट में पढ़ाई होने से अभी व्यवस्था ठीक से की जा रही है. अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने के बाद इंग्लिश माध्यम स्कूल पहली से लेकर 12वीं तक एक शिफ्ट में लगेंगे. दूसरे शिफ्ट में हिंदी माध्यम के स्कूल लगेंगे. तब छात्र छात्राओं को बैठने की जगह नहीं मिलेगी.