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बिलासपुर में डायरिया का कहर: डायरिया से हो रही मौतों के बाद ई कोलाई और विब्रियो कोलरा वायरस की पुष्टि - E. coli virus

बिलासपुर में लगातार डायरिया से हो रही मौत (Death due to diarrhea in Bilaspur) के बाद प्रभावित इलाकों के पानी की जांच कराई गई. जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई डायरिया प्रभावित इलाकों के पानी का सैम्पल लिया (Water testing in diarrhea affected areas), गया. जिसमें पानी दूषित पाया गया. इसी तरह दो मरीजों के स्टूल की जांच की गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच रिपोर्ट में "ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" वायरस की पुष्टि (E coli and Vibrio cholerae virus confirmed) हुई है. जो कि डायरिया और हैजा (Escherichia coli and vibrio cholerae virus) जैसी बिमारियों को पैदा करता है.

diarrhea deaths in bilaspur
बिलासपुर में डायरिया से हो रही मौतें
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Published : Dec 16, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 8:09 PM IST

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के कुछ इलाकों में डायरिया फैलने से 7 लोगों की मौत (Death due to diarrhea in Bilaspur) हो जाने के बाद प्रशासन की नींद खुली है. शहर में हो रही लगातार मौत के बाद अब डायरिया प्रभावित इलाकों के पानी की जांच कराई जा रही है. पानी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग (Bilaspur Health Department) ने कई डायरिया प्रभावित इलाकों के पानी का सैम्पल लिया (Water testing in diarrhea affected areas). जिसमें पानी दूषित पाया गया. इसी तरह दो मरीजों के स्टूल की जांच की गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच रिपोर्ट में "ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" वायरस की पुष्टि (E coli and Vibrio cholerae virus confirmed) हुई है. (Escherichia coli and vibrio cholerae virus) बताया जाता है कि इस वायरस से डायरिया (E. coli virus) और हैजा जैसी बीमारियां (E. coli diarrhea ) उत्पन्न होती है.

बिलासपुर में डायरिया का कहर

गर्मी में फैलता है डायरिया

वैसे तो डायरिया गर्मी के मौसम में अधिक फैलता है. पानी की खराबी इसका मुख्य कारण है. डायरिया जैसी बीमारी में इंसान को उल्टी, दस्त होती है. इस बीमारी को पहले हैजा भी (diarrhea and cholera) कहा जाता था. एक वक्त हुआ करता था, जब हैजा पूरी बस्ती नहीं बल्कि पूरे गांव को ही अपने आगोश में ले लेता (Diarrhea outbreak in Bilaspur) था. हालांकि धीरे-धीरे माहौल बदला, साइंस की तरक्की के बाद ये बीमारी सामान्य हो गई. मौजूदा समय में डायरिया और हैजा से ग्रसित लोगों का इलाज आसानी से हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः Diarrhea outbreak in Bilaspur: बिलासपुर में डायरिया मरीजों से डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने की मुलाकात, गंदे पानी को बताया बीमारी की वजह

गंदे पानी के कारण शहर में फैल रहा डायरिया

पिछले कुछ सालों में बिलासपुर और इसके आसपास के इलाकों में गंदे पानी की वजह से डायरिया फैलता है. लेकिन कुछ ही मामलों में लोगों की मौत होती है. हालांकि इस बार यह बीमारी ने ठंड में ही दस्तक दे दी है. शहर के कई इलाकों में जैसे तालापारा, तारबाहर, दीपूपारा, सरकंडा और सिरगिट्टी जैसे स्लम एरिया में इस बीमारी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. अब तक इस बीमारी से लगभग 200 लोग प्रभावित हो चुके हैं और सात लोगों की मौत भी हो चुकी है.

स्टूल जांच में हैजा की पुष्टि-स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया प्रभावित क्षेत्रों (diarrhea affected areas) का भ्रमण कर अलग-अलग जगहों से मरीजों के स्टूल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा. स्वास्थ्य विभाग को जांच की रिपोर्ट मिल चुकी है. जांच रिपोर्ट में जो आया है इससे स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है. स्टूल की जांच में "ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" वायरस मिलने से विभाग हैरत में है. क्योंकि उल्टी, दस्त के साथ हैजा जैसी बीमारी इस वायरस से फैलती है. इस बीमारी से पेट मरोड़ना और उल्टी दस्त के लक्षण दिखाई देते हैं.

खतरनाक है ये वायरस

"ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" हैजा की बीमारी के मुख्य कारण हैं. इससे इंसान के शरीर से सारा पानी उल्टी और दस्त के माध्यम से निकल जाता है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. ऐसे में धड़कन तो चलती है, लेकिन इंसान की पूरी ताकत खत्म हो जाती है और वह मर सकता है.

यह भी पढ़ेंः बिलासपुर के टिकरापारा में डायरिया से बुजुर्ग की मौत

हरकत में स्वास्थ्य विभाग

शहर में फैले डायरिया वाले इलाकों में जिला स्वास्थ्य विभाग आवश्यक दवाइयों का वितरण कर रहा है और पीने के पानी को उबालकर उस में क्लोरीन टेबलेट डालकर पीने की अपील कर रहा है. इसके साथ ही प्रचार-प्रसार कर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी अस्पतालों को निर्देशित कर स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के साथ ही लोगों को समझाइश देने के निर्देश दिए हैं. इस विषय में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन (Chief Health and Medical Officer Dr Pramod Mahajan) बताते हैं कि पानी में खतरनाक बैक्टीरिया के मिलने पर लोगों को उसके बचाव के लिए जानकारी के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है.

डायरिया पर सियासत जारी

शहर में डायरिया बढ़ने को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. नगर निगम के भाजपा पार्षद दल के लोगों ने इसके लिए जहां निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में नगर निगम पीने के पानी की पाइप लाइन को नाली से ऊपर करने की बात कहती रही लेकिन निगम प्रशासन ने यह कार्य नहीं किया. जिसकी वजह से आज शहर में डायरिया से लोगों की मौत हो रही है. भाजपा के पार्षदों ने डायरिया फैलने को लेकर निगम प्रशासन और निगम सरकार पर आरोप लगाया है कि उनकी गलती की वजह से आज उसका परिणाम पूरा शहर भुगत रहा है.

बिलासपुर नगर निगम का स्वच्छता प्रबंधन और बजट

बिलासपुर नगर निगम में दो ठेका कंपनी और नगर निगम के सफाई कर्मी साफ सफाई की व्यवस्था संभालते हैं. ये नालियों और सड़कों की सफाई के साथ कचरे का कलेक्शन करते हैं. नगर निगम साफ सफाई में 5 करोड़ 32 लाख रुपए और पानी के ट्रीटमेंट में 40 लाख रुपए खर्च करती है

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के कुछ इलाकों में डायरिया फैलने से 7 लोगों की मौत (Death due to diarrhea in Bilaspur) हो जाने के बाद प्रशासन की नींद खुली है. शहर में हो रही लगातार मौत के बाद अब डायरिया प्रभावित इलाकों के पानी की जांच कराई जा रही है. पानी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग (Bilaspur Health Department) ने कई डायरिया प्रभावित इलाकों के पानी का सैम्पल लिया (Water testing in diarrhea affected areas). जिसमें पानी दूषित पाया गया. इसी तरह दो मरीजों के स्टूल की जांच की गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच रिपोर्ट में "ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" वायरस की पुष्टि (E coli and Vibrio cholerae virus confirmed) हुई है. (Escherichia coli and vibrio cholerae virus) बताया जाता है कि इस वायरस से डायरिया (E. coli virus) और हैजा जैसी बीमारियां (E. coli diarrhea ) उत्पन्न होती है.

बिलासपुर में डायरिया का कहर

गर्मी में फैलता है डायरिया

वैसे तो डायरिया गर्मी के मौसम में अधिक फैलता है. पानी की खराबी इसका मुख्य कारण है. डायरिया जैसी बीमारी में इंसान को उल्टी, दस्त होती है. इस बीमारी को पहले हैजा भी (diarrhea and cholera) कहा जाता था. एक वक्त हुआ करता था, जब हैजा पूरी बस्ती नहीं बल्कि पूरे गांव को ही अपने आगोश में ले लेता (Diarrhea outbreak in Bilaspur) था. हालांकि धीरे-धीरे माहौल बदला, साइंस की तरक्की के बाद ये बीमारी सामान्य हो गई. मौजूदा समय में डायरिया और हैजा से ग्रसित लोगों का इलाज आसानी से हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः Diarrhea outbreak in Bilaspur: बिलासपुर में डायरिया मरीजों से डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने की मुलाकात, गंदे पानी को बताया बीमारी की वजह

गंदे पानी के कारण शहर में फैल रहा डायरिया

पिछले कुछ सालों में बिलासपुर और इसके आसपास के इलाकों में गंदे पानी की वजह से डायरिया फैलता है. लेकिन कुछ ही मामलों में लोगों की मौत होती है. हालांकि इस बार यह बीमारी ने ठंड में ही दस्तक दे दी है. शहर के कई इलाकों में जैसे तालापारा, तारबाहर, दीपूपारा, सरकंडा और सिरगिट्टी जैसे स्लम एरिया में इस बीमारी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. अब तक इस बीमारी से लगभग 200 लोग प्रभावित हो चुके हैं और सात लोगों की मौत भी हो चुकी है.

स्टूल जांच में हैजा की पुष्टि-स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया प्रभावित क्षेत्रों (diarrhea affected areas) का भ्रमण कर अलग-अलग जगहों से मरीजों के स्टूल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा. स्वास्थ्य विभाग को जांच की रिपोर्ट मिल चुकी है. जांच रिपोर्ट में जो आया है इससे स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है. स्टूल की जांच में "ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" वायरस मिलने से विभाग हैरत में है. क्योंकि उल्टी, दस्त के साथ हैजा जैसी बीमारी इस वायरस से फैलती है. इस बीमारी से पेट मरोड़ना और उल्टी दस्त के लक्षण दिखाई देते हैं.

खतरनाक है ये वायरस

"ई कोलाई" और "विब्रियो कोलरा" हैजा की बीमारी के मुख्य कारण हैं. इससे इंसान के शरीर से सारा पानी उल्टी और दस्त के माध्यम से निकल जाता है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. ऐसे में धड़कन तो चलती है, लेकिन इंसान की पूरी ताकत खत्म हो जाती है और वह मर सकता है.

यह भी पढ़ेंः बिलासपुर के टिकरापारा में डायरिया से बुजुर्ग की मौत

हरकत में स्वास्थ्य विभाग

शहर में फैले डायरिया वाले इलाकों में जिला स्वास्थ्य विभाग आवश्यक दवाइयों का वितरण कर रहा है और पीने के पानी को उबालकर उस में क्लोरीन टेबलेट डालकर पीने की अपील कर रहा है. इसके साथ ही प्रचार-प्रसार कर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी अस्पतालों को निर्देशित कर स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के साथ ही लोगों को समझाइश देने के निर्देश दिए हैं. इस विषय में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन (Chief Health and Medical Officer Dr Pramod Mahajan) बताते हैं कि पानी में खतरनाक बैक्टीरिया के मिलने पर लोगों को उसके बचाव के लिए जानकारी के साथ दवाइयों का वितरण किया जा रहा है.

डायरिया पर सियासत जारी

शहर में डायरिया बढ़ने को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. नगर निगम के भाजपा पार्षद दल के लोगों ने इसके लिए जहां निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में नगर निगम पीने के पानी की पाइप लाइन को नाली से ऊपर करने की बात कहती रही लेकिन निगम प्रशासन ने यह कार्य नहीं किया. जिसकी वजह से आज शहर में डायरिया से लोगों की मौत हो रही है. भाजपा के पार्षदों ने डायरिया फैलने को लेकर निगम प्रशासन और निगम सरकार पर आरोप लगाया है कि उनकी गलती की वजह से आज उसका परिणाम पूरा शहर भुगत रहा है.

बिलासपुर नगर निगम का स्वच्छता प्रबंधन और बजट

बिलासपुर नगर निगम में दो ठेका कंपनी और नगर निगम के सफाई कर्मी साफ सफाई की व्यवस्था संभालते हैं. ये नालियों और सड़कों की सफाई के साथ कचरे का कलेक्शन करते हैं. नगर निगम साफ सफाई में 5 करोड़ 32 लाख रुपए और पानी के ट्रीटमेंट में 40 लाख रुपए खर्च करती है

Last Updated : Dec 16, 2021, 8:09 PM IST
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