बिलासपुर: मुंगेली जिले के सरगांव में सेप्टिक टैंक में दम घटने से मौत के मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया और मामले की जांच की मांग की.
घटना पीड़ादायी: धरमलाल कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के सरगांव के मर्राकोना गांव में 4 लोगों की सेप्टिक टैंक में डूबकर मौत दुखद है. उन्होंने संवेदना व्यक्त करते कहा कि यह घटना पीड़ादायी है. कौशिक ने मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते पीड़ित परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति जताई. इसके साथ ही मुंगेली कलेक्टर से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए.
मुंगेली में दर्दनाक हादसा, सेप्टिक टैंक में गिरने से 4 लोगों की मौत
दरअसल मंगलवार को नगर पंचायत सरगांव से 10 किलोमीटर दूर मर्राकोना गांव में सेप्टिक टैंक साफ करने के दौरान चारों उसकी जहरीले गैस की चपेट में आ गए. जिससे चारों की तुरंत मौत हो गई. जानकारी के अनुसार गांव के कौशिक परिवार में विवाह का कार्यक्रम था. जिसमें शामिल होने मेहमान आए हुए थे. इसलिए यहां मौजूद सेप्टिक टैंक को साफ करने के लिए पंचायत में आवेदन दिया गया था. जिसे साफ करने मंगलवार को सफाई कर्मचारी वहां पहुंचे थे.
एक के बाद एक चार लोगों की मौत
नगर पंचायत की वेक्यूम पीटीआर मशीन लेकर नगर पंचायत के दो कर्मचारी और दो स्वीपर, लखन वर्मा और मंशाराम वर्मा के यहां गए थे. जहां स्वीपर ने दो बार टैंक से मलबा निकाला और टैंक में बचे हुए मलबा को पानी डालकर निकालने की बात कही. इसी दौरान लखन वर्मा का बेटा अखिलेश्वर वर्मा टैंक में उतर गया जिससे वह उसकी जहरीले गैस की चपेट में आ गया. उसे बचाने उसके चाचा मंशाराम वर्मा का बेटा रामखिलावन टैंक में उतरा और वो भी टैंक से बाहर नहीं आ पाया. दोनों भाइयों को देखने मंशाराम का दूसरा बेटा गौरीशंकर रस्सी से टैंक के अंदर गया लेकिन वो भी काल के गाल में समां गया. इन तीनों के टैंक से वापस नहीं आने के बाद सरगांव से गया स्वीपर सुभाष भी जहरीली गैस से खुद को ना बचा सका.
पढ़ें-नारायणपुर : अबूझमाड़ में नक्सली कैंप ध्वस्त, बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद
पूरे गांव में शोक की लहर
इस तरह सेप्टिक टैंक साफ करने के चक्कर में 4 लोगों की जान चली गई. इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है. वहीं आसपास के गांव के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मर्राकोना में इक्ट्ठे हो गए है. मृतकों के नाम खिलेश्वर कौशिक, गौरी शंकर कौशिक,रामखिलावन कौशिक और सुभाष डागौर बताए जा रहे हैं.