बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने खुद को सीएम की रेस से बाहर बताया है.धरमलाल कौशिक ने खुद को सीएम रेस से अलग बताते हुए कहा कि ना वो दौड़ में हैं और ना ही इस पद के लिए इच्छुक हैं. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक रायपुर में आकर मुख्यमंत्री की घोषणा करेंगे. रविवार या फिर सोमवार को स्पष्ट हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ के निर्वाचित बीजेपी विधायकों में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
कांग्रेस सांसद पर साधा निशाना : कौशिक ने ओड़िसा से कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से 290 करोड़ रुपए बरामद होने पर भी निशाना साधा. धरमलाल कौशिक ने बताया कि बरामद किए गए पैसे मोहब्बत की दुकान से मिले हैं. जो शराब घोटाला, मनरेगा भूमि घोटाला की रकम है. इतनी नकदी राशि मिली है कि नोट गिनने वाली मशीन खराब हो गई. बैग भी कम पड़ गए तो ट्रक से नकदी रकम को ले जाना पड़ा है. जब कांग्रेस के चंद नेताओं के पास भारी भरकम रुपए हैं तो आम जनता का क्या होगा.
कांग्रेस की सरकारों ने देश को दीमक की तरह चाटा : 2014 में मोदी जब सत्ता में आए तो सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्ट्राचार था. कांग्रेस की सरकारें भ्रष्टाचार में डूबी रही. मोदी इसी भ्रष्ट्राचार को जड़ से समाप्त करने सत्ता में आए हैं. देश की जनता भी भ्रष्टाचारी कांग्रेस सरकार से मुक्ति चाहती थी. धीरे धीरे जनता को भ्रष्ट कांग्रेस से मुक्ति भी मिल रही है. मोदी ने जीरो टारलेंस पर काम शुरू किया, इसलिए मोदी और उनकी सरकार को देश की जनता ने दोबारा मौका दिया है. कांग्रेस की सरकारों ने देश को दीमक की तरह चाटने का काम किया.
गठबंधन का नाम रखे गांधी करप्शन सेंटर : ईडी के इस्तेमाल पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि क्यों ना करे उपयोग और फिर इसमें गलत क्या है. देश की कमाई का सारा पैसा क्या कांग्रेस के पास ही रहे. देश के राज्यों में कांग्रेस के लोगों के पास मनरेगा,भूमि घोटाला और कोयला, शराब घोटाला के सैकड़ों करोड़ रुपए हैं. जिसे पीएम मोदी की सरकार निकाल रही है. जिसका घमंडी गठबंधन विरोध कर रहा है. इस घमंडी गठबंधन का नाम तो गांधी करप्शन सेंटर रख देना चाहिए.पिछले चुनाव में जब कांग्रेस ने 67 सीटों पर जीतकर सरकार बनाई थी तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाया गया. अब इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है तो ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है.