ETV Bharat / state

बैलगाड़ी से बिलासपुर पहुंचे थे अष्टमुखी भगवान शिव

शहर के बीच स्थित अष्टमुखी शिव मंदिर की महिमा अपरंपार है. यहां महाशिवरात्रि के मौके पर दूर-दूर से भक्त बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं. कहते हैं कि यहां भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है.

author img

By

Published : Mar 11, 2021, 5:28 PM IST

devotees reaching the ashtamukhi shiv temple
अष्टमुखी शिव मंदिर

बिलासपुर: देशभर में आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाई जा रही है. शहर के शिवालयों में भी सुबह से ही भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है. भक्त आज अपने आराध्य भगवान शिव की आराधना के लिए मंदिरों में जुटे हुए हैं. बिलासपुर के बीचों-बीच मध्यनगरी स्थित अष्टमुखी शिव मंदिर की अपनी अलग महिमा है. यहां दूर-दूर से भक्त अष्टमुखी शिवजी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

अष्टमुखी शिव मंदिर

अष्टमुखी शिव मंदिर को पंचायती शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर करीब 100 साल पुराना बताया जाता है. पहले यह मंदिर छोटे रूप में था. लेकिन अब यह भव्य रूप ले चुका है. यहां स्थानीय लोगों के अलावा अन्य प्रदेशों के लोग भी अष्टमुखी शिवजी के दर्शन करने पहुंचते हैं. यहां पहले एक छोटे से शिवलिंग को स्थापित किया गया था. लेकिन मंदिर के बढ़ते महत्व को देखते हुए दो करीब दशक पहले एक विशाल अष्टमुखी शिवलिंग की स्थापना की गई.

SPECIAL: भूगर्भ से उत्पन्न हुए देवबलोदा के शिवजी, जानें मंदिर के पीछे की कहानी

बैलगाड़ी से लाई गई थी प्रतिमा

स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव की मोहक अष्टमुखी प्रतिमा को चैतुरगढ़ से लाया गया था. जो करीब 7 फीट ऊंची है. इस प्रतिमा की खासियत ये है कि इसमें भगवान शिव के आठ मुख को दर्शाया गया है. जिस कारण से श्रद्धालुओं में इसे देखने के लिए विशेष उत्सुकता बनी रहती है. यहां विशेषकर महाशिवरात्रि में मेले जैसा माहौल रहता है. लोगों का कहना है कि करीब 2 दशक पहले इस मूर्ति को बैलगाड़ी से शहर लाया गया था.

मध्यरात्रि में होता भगवान का रुद्राभिषेक

इस मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर मध्यरात्रि में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है. भगवान भोलेनाथ को आज के दिन विशेष लड्डुओं और खीर का भोग लगाया जाता है. प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को ठंडाई बाटी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस अष्टमुखी शिवजी के दर्शन के बाद भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

बिलासपुर: देशभर में आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाई जा रही है. शहर के शिवालयों में भी सुबह से ही भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है. भक्त आज अपने आराध्य भगवान शिव की आराधना के लिए मंदिरों में जुटे हुए हैं. बिलासपुर के बीचों-बीच मध्यनगरी स्थित अष्टमुखी शिव मंदिर की अपनी अलग महिमा है. यहां दूर-दूर से भक्त अष्टमुखी शिवजी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

अष्टमुखी शिव मंदिर

अष्टमुखी शिव मंदिर को पंचायती शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर करीब 100 साल पुराना बताया जाता है. पहले यह मंदिर छोटे रूप में था. लेकिन अब यह भव्य रूप ले चुका है. यहां स्थानीय लोगों के अलावा अन्य प्रदेशों के लोग भी अष्टमुखी शिवजी के दर्शन करने पहुंचते हैं. यहां पहले एक छोटे से शिवलिंग को स्थापित किया गया था. लेकिन मंदिर के बढ़ते महत्व को देखते हुए दो करीब दशक पहले एक विशाल अष्टमुखी शिवलिंग की स्थापना की गई.

SPECIAL: भूगर्भ से उत्पन्न हुए देवबलोदा के शिवजी, जानें मंदिर के पीछे की कहानी

बैलगाड़ी से लाई गई थी प्रतिमा

स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव की मोहक अष्टमुखी प्रतिमा को चैतुरगढ़ से लाया गया था. जो करीब 7 फीट ऊंची है. इस प्रतिमा की खासियत ये है कि इसमें भगवान शिव के आठ मुख को दर्शाया गया है. जिस कारण से श्रद्धालुओं में इसे देखने के लिए विशेष उत्सुकता बनी रहती है. यहां विशेषकर महाशिवरात्रि में मेले जैसा माहौल रहता है. लोगों का कहना है कि करीब 2 दशक पहले इस मूर्ति को बैलगाड़ी से शहर लाया गया था.

मध्यरात्रि में होता भगवान का रुद्राभिषेक

इस मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर मध्यरात्रि में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है. भगवान भोलेनाथ को आज के दिन विशेष लड्डुओं और खीर का भोग लगाया जाता है. प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को ठंडाई बाटी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस अष्टमुखी शिवजी के दर्शन के बाद भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.