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छत्तीसगढ़ के बेलपान में भी है नर्मदा उद्गम स्थल, श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी

बिलासपुर के तखतपुर बेलपान में पुन्नी मेले का आयोजन किया गया है. श्रद्धालु तीन दिवसीय नर्मदा उद्गम स्थल का आनंद ले रहे हैं.

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Published : Feb 10, 2020, 3:30 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 4:00 PM IST

Devotees put dip faith in  Punni fair
नर्मदा उद्गम

बिलासपुर: माघ मास के अंतिम दिन पुन्नी मेले का आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. श्रद्धालु तीन दिवसीय मेले का लुत्फ उठा रहे हैं.बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर तखतपुर के ग्राम पंचायत बेलपान में नर्मदा उद्गम की आस्था से जुड़ी विशेष कहानी है, जहां अनादि काल से लोग श्रद्धा की डुबकी लगाते आ रहे हैं.

नर्मदा उद्गम

श्रद्धालुओं का कहना है कि नर्मदा उद्गम का जल पाकर उनको विशेष आशीर्वाद मिलता है. ऐसा माना जाता है कि यहां ॠषि-मुनि प्रतिदिन कुण्ड स्नान करने अमरकंटक जाते थे. वृद्ध अवस्था में अमरकंटक कुण्ड स्नान करने में असमर्थ होते देख माता नर्मदा ने स्वप्न में आकर बेलपान में नर्मदा उद्गम की विशेष बात कही, तब से आज तक अनादिकाल से लोग श्रद्धा के डुबकी लगाते हैं.

उखरा बेलपान मेले का प्रसिद्ध मिठाई
लोगों का कहना है कि अगर आप बेलपान नर्मदा उद्गम स्थल में पुन्नी माघी मेला में जाते हैं तो यहां का प्रमुख मीठा उखरा है, जो गुड़ और लाई से बनाया जाता है. यह काफी स्वादिष्ट होता है.

बिलासपुर: माघ मास के अंतिम दिन पुन्नी मेले का आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. श्रद्धालु तीन दिवसीय मेले का लुत्फ उठा रहे हैं.बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर तखतपुर के ग्राम पंचायत बेलपान में नर्मदा उद्गम की आस्था से जुड़ी विशेष कहानी है, जहां अनादि काल से लोग श्रद्धा की डुबकी लगाते आ रहे हैं.

नर्मदा उद्गम

श्रद्धालुओं का कहना है कि नर्मदा उद्गम का जल पाकर उनको विशेष आशीर्वाद मिलता है. ऐसा माना जाता है कि यहां ॠषि-मुनि प्रतिदिन कुण्ड स्नान करने अमरकंटक जाते थे. वृद्ध अवस्था में अमरकंटक कुण्ड स्नान करने में असमर्थ होते देख माता नर्मदा ने स्वप्न में आकर बेलपान में नर्मदा उद्गम की विशेष बात कही, तब से आज तक अनादिकाल से लोग श्रद्धा के डुबकी लगाते हैं.

उखरा बेलपान मेले का प्रसिद्ध मिठाई
लोगों का कहना है कि अगर आप बेलपान नर्मदा उद्गम स्थल में पुन्नी माघी मेला में जाते हैं तो यहां का प्रमुख मीठा उखरा है, जो गुड़ और लाई से बनाया जाता है. यह काफी स्वादिष्ट होता है.

Intro:नर्मदा उद्गम स्थल में लोगों ने आस्था के डुबकी लगाते दिखाई दिए।
मौत कुआँ के साथ बडा झूला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बेलपान पंचायत में नर्मदा उद्गम की विशेष कहानी, पुजारी एवं मालिक की जुबानी। Body:आपकों बता दें कि बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर तखतपुर के ग्राम पंचायत बेलपान में नर्मदा उद्गम की विशेष कहानी है जिसे अनादि काल से लोग श्रद्धा के डुबकी लगाते हैं, जहाँ का जल पाकर विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि यहाँ के ॠषी मुनी द्वारा प्रतिदिन अमरकंटक कुण्ड स्नान करने जाते थे, वृद्ध अवस्था में अमरकंटक कुण्ड स्नान करने में असमर्थ होते देख माता नर्मदा ने स्वप्न में आकर बेलपान में नर्मदा उद्गम की विशेष बात कही तब से आज तक अनादि काल से लोग श्रद्धा के डुबकी लगाते हैं।
बाइट-
माघी मेला- माघ मास के अंतिम दिन पुन्नी मेला का आयोजन पिछले क ई वर्षों से यहाँ नर्मदा उद्गम स्थल में तीन दिवसीय मेले का लुत्फ उठाते हैं।
उखरा बेलपान मेले का प्रसिद्ध मिठाई- लोगों का कहना है कि अगर आप बेलपान नर्मदा उद्गम स्थल में पुन्नी माघी मेला में आए हैं तो यहाँ का प्रमुख मीठा उखरा है। गुड और लाई से बना हुआ है छत्तीसगढ़ का मिष्ठान्न है। Conclusion:बाबा सुदर्शन गिरी का बाइट-
रिपोर्ट नरेन्द्र ध्रुव तखतपुर बिलासपुर।
Last Updated : Feb 10, 2020, 4:00 PM IST
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