बिलासपुर: बिलासपुर के रतनपुर में मां महामाया विराजमान हैं. यहां माता के दरबार में नवरात्रि के पहले दिन से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई है. मंदिर को चमचमाती लाइटों से सजा दिया गया है. सुबह से ही मंदिर में भक्त आने शुरू हो जाते हैं. इस बार महामाया मंदिर में 29 हजार ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं.
भक्तों की भीड़ को देखते हुए बढ़ाई गई सुरक्षा: शारदीय नवरात्र के मौके पर रतनपुर महामाया मंदिर को काफी सुंदर रूप में सजाया गया है. मंदिर में 29 हजार ज्योति कलश जगमगा रहे हैं. नवरात्रि के पहले ही दिन से मंदिर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. महामाया देवी के दर्शन के लिए प्रदेश के अन्य जगहों से भी भक्त पहुंच रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में लाखों श्रद्धालु देवी के दर्शन को पहुंचते हैं. रतनपुर महामाया मंदिर समिति ने आने वाले भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं.
तीन रुपों में विराजमान है महामाया देवी: छत्तीसगढ़ के रतनपुर में विराजमान मां महामाया की महिमा सुन दूर-दूर से भक्त माता के दरबार में अर्जी लगाने पहुंचते हैं. महाकाली, महालक्ष्मी के साथ ही महासरस्वती सहित तीन रूपों में यहां पर महामाया देवी अपने भक्तों को दर्शन देती है. दुर्गा सप्तशती के साथ ही देवी पुराण में महामाया के बारे में जो कुछ लिखा है, ठीक उसी रूपों के दर्शन रतनपुर में विराजी महामाया के रूप में किया जाता है.
हर साल की तरह इस साल भी ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया जा रहा है. मंदिर ट्रस्ट चंडी यज्ञ और जस गीत का आयोजन कर रहे हैं. साथ ही हजारों लोगों के लिए भंडारा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें भक्त देवी का प्रसाद ग्रहण करेंगे. मंदिर ट्रस्ट के साथ ही निर्वाचन आयोग के नियम और गाइडलाइन के अनुसार भक्तों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. -अरुण शर्मा, प्रबंधक, रतनपुर महामाया मंदिर
गर्भगृह के नीचे विराजमान हैं मां: महामाया मंदिर में शक्ति के तीन रूप दिखाई देते हैं. तीनों रूपों में समाहित मां के स्वरूप को महामाया देवी की संज्ञा दी गई है. महामाया देवी का मंदिर रतनपुर के हरी भरी वादियों के बीच स्थित है. रतनपुर को देवी और आस्था की नगरी के रूप में भी जाना जाता है. रतनपुर मां महामाया मंदिर में तीनों देवियों की पूजा होती है. यह दुनिया एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां गर्भ गृह के नीचे महामाया यानी कि धन की देवी मां लक्ष्मी विराजमान हैं. वहीं, उनके दाहिने ओर ऊपर की तरफ ज्ञान की देवी मां सरस्वती विराजमान हैं. यहां श्रद्धालु और भक्त जो भी मनोकामना मांगते हैं वह पूरी होती है.