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Chakarbhatha rape case : आरोपी पिता पर FIR की मांग, पुलिस मामले को बता रही संदिग्ध - बाल कल्याण समिति

Chakarbhatha rape case चकरभाठा क्षेत्र में अपने ही बच्चियों के पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगा है. लेकिन इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.जिसके बाद जीएसएस संघ सड़क पर उतरने की बात कह रहा है. संघ का दावा है कि पुलिस के अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिससे आरोपी को बचने का मौका मिल रहा है.

आरोपी पिता पर FIR की मांग, पुलिस मामले को बता रही संदिग्ध
आरोपी पिता पर FIR की मांग, पुलिस मामले को बता रही संदिग्ध
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Published : Oct 12, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 6:55 PM IST

बिलासपुर : चकरभाठा थाना क्षेत्र में बच्चियों के साथ उसके ही पिता के दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. मामले पर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर जीएसएस और संगठन की विधिक सलाहकार प्रियंका ने पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला सितंबर माह में सामने आया था. जिसमें बाल कल्याण समिति, बिलासपुर ने बच्चियों का रेसक्यू किया ( Chakarbhatha rape case) था.

रेस्क्यू टीम को आई थी दिक्कत : रेस्क्यू करने में टीम को काफी दिक्कत भी आई. रेस्क्यू होने के बाद बच्चियों ने CWC (बाल कल्याण समिति) को बयान भी दिया और उसके हिसाब से बच्चों ने बयान में सभी बातें बताई. इसके बाद भी बिलासपुर की चकरभाठा थाना पुलिस ने कोई FIR नहीं की. इस घटना को सामने आए लगभग 10 दिन से ऊपर होने जा रहे हैं. लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं किया जा सका है. जबकि नियम के हिसाब से यदि मामला सामने आया है. तो सबसे पहले FIR दर्ज की जानी (Demands for FIR on Chakarbhatha rape case) थी.


विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला के अनुसार पुलिस के अधिकारी मामले को गंभीरता से नही ले रहे हैं. इसके अलावा गांव के कुछ लोग मामला उजागर करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को डराने धमकाने की कोशिश कर रहे हैं.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आज तक कोई सुरक्षा नही दी गयी है.वहीं विधिक सलाहकार ने कहा ''हम सबको याद होगा कि ऐसा कुछ भवरी देवी के साथ कई साल पहले राजस्थान में घटा था. जिसके बाद विशाखा गाइडलाइन बनाई गई थी. क्या शासन आज उसी घटना का इंतजार कर रहा है? आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सराहना मिलनी चाहिए थी.''

ये भी पढ़ें- बिलासपुर गोलीकांड के आरोपी गिरफ्तार, ट्रेन से भाग रहे थे यूपी

क्या है पुलिस का बयान : इस पूरे मामले में थाना प्रभारी ने कहा कि '' बच्ची की मां कहीं चली गई है. पिता के साथ ही बच्चियां रहती है. सरपंच सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने थाने में पहुंचकर बच्ची के पिता पर लगाए आरोप को गलत बताया. और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को संदिग्ध बताया. बच्चियां भी कुछ नहीं बता पा रही हैं. मेडिकल कराने के लिए सीडब्ल्यूसी से अनुमति मिली है. मेडिकल के बाद एफआईआर होगी.''

बिलासपुर : चकरभाठा थाना क्षेत्र में बच्चियों के साथ उसके ही पिता के दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. मामले पर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर जीएसएस और संगठन की विधिक सलाहकार प्रियंका ने पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला सितंबर माह में सामने आया था. जिसमें बाल कल्याण समिति, बिलासपुर ने बच्चियों का रेसक्यू किया ( Chakarbhatha rape case) था.

रेस्क्यू टीम को आई थी दिक्कत : रेस्क्यू करने में टीम को काफी दिक्कत भी आई. रेस्क्यू होने के बाद बच्चियों ने CWC (बाल कल्याण समिति) को बयान भी दिया और उसके हिसाब से बच्चों ने बयान में सभी बातें बताई. इसके बाद भी बिलासपुर की चकरभाठा थाना पुलिस ने कोई FIR नहीं की. इस घटना को सामने आए लगभग 10 दिन से ऊपर होने जा रहे हैं. लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं किया जा सका है. जबकि नियम के हिसाब से यदि मामला सामने आया है. तो सबसे पहले FIR दर्ज की जानी (Demands for FIR on Chakarbhatha rape case) थी.


विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला के अनुसार पुलिस के अधिकारी मामले को गंभीरता से नही ले रहे हैं. इसके अलावा गांव के कुछ लोग मामला उजागर करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को डराने धमकाने की कोशिश कर रहे हैं.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आज तक कोई सुरक्षा नही दी गयी है.वहीं विधिक सलाहकार ने कहा ''हम सबको याद होगा कि ऐसा कुछ भवरी देवी के साथ कई साल पहले राजस्थान में घटा था. जिसके बाद विशाखा गाइडलाइन बनाई गई थी. क्या शासन आज उसी घटना का इंतजार कर रहा है? आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सराहना मिलनी चाहिए थी.''

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क्या है पुलिस का बयान : इस पूरे मामले में थाना प्रभारी ने कहा कि '' बच्ची की मां कहीं चली गई है. पिता के साथ ही बच्चियां रहती है. सरपंच सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने थाने में पहुंचकर बच्ची के पिता पर लगाए आरोप को गलत बताया. और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को संदिग्ध बताया. बच्चियां भी कुछ नहीं बता पा रही हैं. मेडिकल कराने के लिए सीडब्ल्यूसी से अनुमति मिली है. मेडिकल के बाद एफआईआर होगी.''

Last Updated : Oct 12, 2022, 6:55 PM IST
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