गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : गौरेला के टीकरकला क्वॉरेंटाइन सेंटर में डेढ़ साल की मासूम की मौत हो गई. बच्ची का पिता बीती 19 मई को भोपाल से लौटा था, जिसकी वजह से उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. बताया जा रहा है कि बच्ची का पिता पेंड्रा के क्वॉरेंटाइन सेंटर से भागकर अपने परिवार से मिलने और पैसा देने घर पहुंचा था, जिसके बाद गांववालों ने पूरे परिवार को गांव से पानी भरने से भी रोक दिया. 3 दिन के बाद मजबूरन पत्नी को बच्ची के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर जाना पड़ा. यहां बच्ची की मौत हो गई है. पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है.
एहतियातन कोरोना जांच के लिए शव से सैंपल लिया गया है. बता दें कि गांव के नवनिर्मित छात्रावास में प्रवासी मजदूरों को ठहराने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. बच्ची का पिता श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर होते हुए पेंड्रा पहुंचा था. जहां टीकरकला क्वॉरेंटाइन सेंटर में उसे रखा गया.
इस दौरान उसकी पत्नी ने उसे बताया कि घर चलाने के लिए पैसा नहीं है, जिसके बाद उसने कियोस्क का संचालन करने वाले गांव के ही शख्स से पैसा भिजवाया, जो परिवार को नहीं मिला. जिसकी वजह से एक रात बच्ची का पिता पेंड्रा के क्वॉरेंटाइन सेंटर की खिड़की से भाग खड़ा हुआ और अपने गांव आ गया. गांववालों को जब उसके घर पहुंचने का पता चला, तो उन्होंने परिवार का बहिष्कार कर दिया. मजबूरन पत्नी को बच्ची के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर जाना पड़ा.
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
बुधवार की सुबह बच्ची को मां ने दूध पिलाया, फिर उसे सुलाकर नहाने चली गई. कुछ देर बाद वह लौटी, तो बच्ची हिचकी ले रही थी. उसकी हालत देखकर मां घबरा गई. उसने अपने पति को जानकारी दी. फिर आनन-फानन में उसे एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल ले जाया गया. जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्ची की मौत किस वजह से हुई है, यह तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.