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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बनाया दबाव, रेप पीड़ित बच्ची को CWC ने परिजनों को सौंपा

बिलासपुर में 9 वर्षीय बच्ची के शोषण, पिता पर आरोप और बच्ची की कस्टडी मां को नहीं देने के मामले गरमाया. (CWC handed over rape victim to her relatives) मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर को नोटिस जारी किया था. राष्ट्रीय दबाव और समिति के सदस्यों के प्रयास से आखिरकार मंगलवार को सीडब्ल्यूसी ने पीड़ित बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया है. सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को उसके मामा को सौंप दिया है. इस मामले में अब पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने और आरोपी पिता के दबाव पर जांच प्रभावित करने का आरोप लगाया है. bilaspur crime news

CWC handed over rape victim to her relatives
CWC ने पीड़ित बच्ची को उसके मामा को सौंपा
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Published : Dec 27, 2022, 11:29 PM IST

CWC ने पीड़ित बच्ची को उसके मामा को सौंपा

बिलासपुर: बच्ची के शोषण और कस्टडी मां को नहीं देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है.(National Commission for Protection of Child Rights) आयोग ने मामले में कलेक्टर और एसएसपी को नोटिस जारी कर 9 बिंदुओं में तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगा है. पूरा मामला कलेक्ट्रेट के सामने गेट में धरने पर बैठी महिला से जुड़ा हुआ है, जिसे अपने बच्ची वापस पाने धरने पर बैठना पड़ा था. (CWC handed over rape victim to her relatives) अब इस मामले में कलेक्टर के आदेश और सदस्यों के वोटिंग के आधार पर पीड़ित बच्ची को परिजनों को सौंप दिया गया है. bilaspur crime news

क्या है पूरा मामला: 2 महीने पहले बिलासपुर के सकरी थाना में पहुंचकर महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति द्वारा उसकी बेटी के साथ दुराचार किया गया है. मामले में पुलिस ने अपराध तो कायम कर लिया, लेकिन आरोपी पिता को पकड़ने में नाकाम रही. इस दौरान सीडब्ल्यूसी द्वारा किशोरी को बयान दर्ज करवाने के लिए कस्टडी में लिया गया था, लेकिन बयान दर्ज हो जाने के बाद भी वापस मां को कस्टडी नहीं सौंपी गई. जिससे व्यथित मां ने बीते शनिवार को कलेक्टर ऑफिस के सामने धरना देना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें: bilaspur high profile rape case: उद्योगपति पिता ने 9 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, मां ने CWC पर बच्ची के मर्डर की साजिश रचने का लगाया आरोप

बच्ची की कस्टडी उसके मामा को सौंपी: इस दौरान शहर के अन्य लोग समेत आम आदमी पार्टी महिला के समर्थन में उतर आया. प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी महिला उठने का नाम नहीं ले रही थी. इस बीच परिजनों द्वारा समझाइश और प्रशासन द्वारा आश्वासन के बाद सुबह महिला वापस घर चली गई.(created pressure by child Commission ) सोमवार की सुबह से ही महिला और उसके परिजन बच्चे की कस्टडी लेने के लिए सीडब्ल्यूसी के ऑफिस में बैठे रहे, जहां 2 दिनों तक आधी कार्रवाई पूरी होने के बाद मंगलवार की दोपहर बच्चे की कस्टडी उसके मामा को सौंप दी गई. वहीं इस लड़ाई में मां की जीत होती नजर आ रही है, लेकिन अभी भी कानूनी कार्रवाई बांकी है. इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.

आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने दिया धरना: बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में महिला को न्याय नहीं मिलने को लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया था. धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आप पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि "सरकार और गृहमंत्री अपनी नाकामी को छुपा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है. दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को पिछले 65 दिनों से सीडब्ल्यूसी अपने पास रखी हुई है. आखिर किस कानून के तहत बच्ची को अपने पास रखा गया है." आप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि "कार्यकर्ताओं की रिहाई जल्दी की जाए और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर बच्ची को न्याय दिलाने का काम करें."

CWC ने पीड़ित बच्ची को उसके मामा को सौंपा

बिलासपुर: बच्ची के शोषण और कस्टडी मां को नहीं देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है.(National Commission for Protection of Child Rights) आयोग ने मामले में कलेक्टर और एसएसपी को नोटिस जारी कर 9 बिंदुओं में तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगा है. पूरा मामला कलेक्ट्रेट के सामने गेट में धरने पर बैठी महिला से जुड़ा हुआ है, जिसे अपने बच्ची वापस पाने धरने पर बैठना पड़ा था. (CWC handed over rape victim to her relatives) अब इस मामले में कलेक्टर के आदेश और सदस्यों के वोटिंग के आधार पर पीड़ित बच्ची को परिजनों को सौंप दिया गया है. bilaspur crime news

क्या है पूरा मामला: 2 महीने पहले बिलासपुर के सकरी थाना में पहुंचकर महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति द्वारा उसकी बेटी के साथ दुराचार किया गया है. मामले में पुलिस ने अपराध तो कायम कर लिया, लेकिन आरोपी पिता को पकड़ने में नाकाम रही. इस दौरान सीडब्ल्यूसी द्वारा किशोरी को बयान दर्ज करवाने के लिए कस्टडी में लिया गया था, लेकिन बयान दर्ज हो जाने के बाद भी वापस मां को कस्टडी नहीं सौंपी गई. जिससे व्यथित मां ने बीते शनिवार को कलेक्टर ऑफिस के सामने धरना देना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें: bilaspur high profile rape case: उद्योगपति पिता ने 9 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, मां ने CWC पर बच्ची के मर्डर की साजिश रचने का लगाया आरोप

बच्ची की कस्टडी उसके मामा को सौंपी: इस दौरान शहर के अन्य लोग समेत आम आदमी पार्टी महिला के समर्थन में उतर आया. प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी महिला उठने का नाम नहीं ले रही थी. इस बीच परिजनों द्वारा समझाइश और प्रशासन द्वारा आश्वासन के बाद सुबह महिला वापस घर चली गई.(created pressure by child Commission ) सोमवार की सुबह से ही महिला और उसके परिजन बच्चे की कस्टडी लेने के लिए सीडब्ल्यूसी के ऑफिस में बैठे रहे, जहां 2 दिनों तक आधी कार्रवाई पूरी होने के बाद मंगलवार की दोपहर बच्चे की कस्टडी उसके मामा को सौंप दी गई. वहीं इस लड़ाई में मां की जीत होती नजर आ रही है, लेकिन अभी भी कानूनी कार्रवाई बांकी है. इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.

आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने दिया धरना: बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में महिला को न्याय नहीं मिलने को लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया था. धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आप पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि "सरकार और गृहमंत्री अपनी नाकामी को छुपा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है. दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को पिछले 65 दिनों से सीडब्ल्यूसी अपने पास रखी हुई है. आखिर किस कानून के तहत बच्ची को अपने पास रखा गया है." आप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि "कार्यकर्ताओं की रिहाई जल्दी की जाए और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर बच्ची को न्याय दिलाने का काम करें."

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