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SPECIAL: रेत माफिया ने खोदा श्मशान घाट ! खुदाई में निकले कंकाल, जांच पर भी उठे सवाल - जूनापारा पंचायत में श्मशान की खुदाई

मौत के बाद शव को दफनाने के लिए सिर्फ 2 गज जमीन की जरूरत होती है लेकिन बिलासपुर की जूनापारा पंचायत में रेत माफिया का लालच इतना बढ़ गया है कि वो इस 2 गज जमीन को भी नहीं बख्श रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां रेत माफिया ने आदिवासियों के श्मशान घाट को ही खोद दिया है. जांच के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. हालांकि कुछ ग्रामीण इसे साजिश भी बता रहे हैं.

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रेत माफिया ने खोदा श्मशान घाट !
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Published : Nov 20, 2020, 7:08 PM IST

बिलासपुर: कोरोना संकट के बीच छत्तीसगगढ़ के बिलासपुर जिले की तखतपुर विधानसभा की जूनापारा पंचायत में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. हद तो ये है कि रेत माफिया ने श्मशान घाट तक को खोद दिया है. श्मशान घाट से गड़े मुर्दे के अवशेष बाहर निकल रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

रेत माफिया ने खोदा श्मशान घाट !

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शव के लिए 2 गज जमीन तक मयस्सर नहीं!

पैसा कमाने की चाह का कोई स्तर नहीं हो सकता है. बिलासपुर जिले में जूनापारा पंचायत की तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं. रेत माफियाओं ने यहां शव को भी नहीं छोड़ा. ग्रामीणों का आरोप है कि तखतपुर जनपद की ग्राम पंचायत जूनापारा में सरपंच पुत्र ने जो खुद सरकंडा में पदस्थ एक पुलिसकर्मी भी है, उसने अवैध रेत उत्खनन के साथ-साथ आदिवासियों के श्मशान घाट को भी खोद दिया है.

SPECIAL: मुक्ति का इंतजार, महीनों से श्मशान घाट पर रखी हुई है मृतकों की अस्थियां

'साजिश के तहत फंसा रहे'

हालांकि कुछ ग्रामीणों का ये भी कहना है कि सरपंच को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. रेत के अवैध उत्खनन की वजह से नहीं बल्कि बाढ़ की वजह से कंकाल बाहर आए हैं.

SPECIAL: बंद है 'तीसरी आंख', कैसे होगी रेत खदानों में अवैध खनन की निगरानी ?

'जांच के नाम पर खानापूर्ति'

फुलवारी नदी के किनारे स्थित आदिवासी समाज की श्मशान भूमि में अवैध रेत खनन का ये कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. कम समय में अमीर बनने की चाहत में रेत माफिया ने इस श्मशान को भी नहीं छोड़ा. हालांकि शिकायत के बाद माइनिंग विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची लेकिन आरोप हैं कि जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है.

तखतपुर: हाय रे रेत माफिया !, श्मशान भी खोद डाला, लाशों के साथ निकले कंकाल

पहले भी हो चुकी है शिकायत

युवा कांग्रेस नेता रामेश्वर पुरी गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने 6 महीने पहले ही अवैध रेत उत्खनन और मनरेगा में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच कराने के लिए ज्ञापन दिया था, लेकिन जांच दल ने सिर्फ रोजगार सहायक सचिव को बलि का बकरा बनाकर सरपंच, सचिव को बचाने का भरपूर प्रयास किया. शिकायतकर्ता ने वीडियो भी दिया था लेकिन जांच रिपोर्ट में इसका जिक्र तक नहीं किया गया.

बिलासपुर : नहीं थम रहा रेत खनन का खेल, नदियों का हो रहा बेधड़क दोहन

रेत माफिया के आगे प्रशासन नतमस्तक!

ग्रामीण दबे सुर में ये भी कह रहे हैं कि प्रशासन रेत माफिया के आगे नतमस्तक है. कोई भी रेत माफिया को नहीं रोक रहा है. नर कंकाल निकलने से ग्रामीणों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी !

जूनापारा पंचायत के लोगों की शिकायत पर माइनिंग विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची, लेकिन अधिकारियों ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है.

बिलासपुर: कोरोना संकट के बीच छत्तीसगगढ़ के बिलासपुर जिले की तखतपुर विधानसभा की जूनापारा पंचायत में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. हद तो ये है कि रेत माफिया ने श्मशान घाट तक को खोद दिया है. श्मशान घाट से गड़े मुर्दे के अवशेष बाहर निकल रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

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'साजिश के तहत फंसा रहे'

हालांकि कुछ ग्रामीणों का ये भी कहना है कि सरपंच को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. रेत के अवैध उत्खनन की वजह से नहीं बल्कि बाढ़ की वजह से कंकाल बाहर आए हैं.

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'जांच के नाम पर खानापूर्ति'

फुलवारी नदी के किनारे स्थित आदिवासी समाज की श्मशान भूमि में अवैध रेत खनन का ये कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. कम समय में अमीर बनने की चाहत में रेत माफिया ने इस श्मशान को भी नहीं छोड़ा. हालांकि शिकायत के बाद माइनिंग विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची लेकिन आरोप हैं कि जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है.

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युवा कांग्रेस नेता रामेश्वर पुरी गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने 6 महीने पहले ही अवैध रेत उत्खनन और मनरेगा में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच कराने के लिए ज्ञापन दिया था, लेकिन जांच दल ने सिर्फ रोजगार सहायक सचिव को बलि का बकरा बनाकर सरपंच, सचिव को बचाने का भरपूर प्रयास किया. शिकायतकर्ता ने वीडियो भी दिया था लेकिन जांच रिपोर्ट में इसका जिक्र तक नहीं किया गया.

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रेत माफिया के आगे प्रशासन नतमस्तक!

ग्रामीण दबे सुर में ये भी कह रहे हैं कि प्रशासन रेत माफिया के आगे नतमस्तक है. कोई भी रेत माफिया को नहीं रोक रहा है. नर कंकाल निकलने से ग्रामीणों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी !

जूनापारा पंचायत के लोगों की शिकायत पर माइनिंग विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची, लेकिन अधिकारियों ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है.

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