बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी दलों ने कमर कस ली है. सभी दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही नेता जनता के बीच पहुंचकर लुभावने वादे करते नजर आ रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत की टीम रविवार को बिलासपुर के ऑटो स्टैंड पहुंची. यहां ऑटो चालकों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास मौजूद ऑटो चालकों ने बातचीत के दौरान ट्रेन रद्द होने का असर रोजगार पर पड़ने की बात कही.
क्या कहते हैं ऑटो चालक: बातचीत के दौरान ऑटो चालक संघ के सदस्य पुरुषोत्तम टंडन ने कहा कि, "छत्तीसगढ़ में ज्यादातर बेरोजगारी की ही समस्या रहती है. वर्तमान में जितने भी युवा हैं, उन्हे नौकरी न मिलने के कारण वो ऑटो चलाकर गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में युवाओ का मानना है कि दूसरे की नौकरी से अच्छा अपना खुद का काम है. तुरंत मेहनताना मिलता रहता है. इसलिए बेरोजगार युवाओं की पहली पसंद यही फील्ड है. सरकार अगर उन्हें नौकरी देगी तो वो ऑटो चलाना छोड़ देगें."वहीं, एक अन्य ऑटो चालक ने कहा कि, " सरकार जिसकी भी बने सबसे पहले युवाओं को रोजगार देने का काम सरकार करे. क्योंकि रेलवे लगातार ट्रेनों को रद्द कर रही है, इससे हम ऑटो ड्राइवरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. आमदनी घट गई है."
चुनाव होते होते 75 साल बीत चुका है, बावजूद हम सरकार से आशा लगाकर रखते हैं कि रोजगार मिलेगा. लेकिन रोजगार नहीं मिलता. जैसे-तैसे हमारा रोजी-रोटी चल रहा है. ट्रेन रद्द होने के कारण ऑटो चालकों के साथ आसपास के होटल, फल का ठेला सहित अन्य रोजगार प्रभावित हो रहा है. -ऑटो चालक
बता दें कि अधिकतर ऑटो चालकों ने युवाओं को रोजगार देने की बात कही. साथ ही रेलवे को लेकर निराशा जताई है. इनकी मांग है कि ट्रेनों का सही से संचालन हो ताकि इनके रोजगार पर कोई असर न पड़े. ट्रेनें रद्द होने से इनकी इनकम काफी घट गई है. ऑटो चालकों की मानें तो मौजूदा समय में घर चलाना भी इनके लिए भारी पड़ गया है.