गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ में आम चुनाव होने से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की तैयारी में है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रत्येक जिले में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं में फेरबदल कर नई टीम को उतारना चाह रही है. इसी कड़ी में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही है, जिसमें वर्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कार्यकर्ताओं ने जमकर भड़ास निकालते हुए असंतोष व्यक्त किया गया. कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के दावेदारों ने आदिवासी जिला होने के कारण आदिवासी अध्यक्ष रखने की मांग की तो वहीं विधायक ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने पर जोर दिया.
यह भी पढ़े: छत्तीसगढ़ में 28 ट्रेनें रद्द, रक्षा बंधन का त्योहार होगा प्रभावित !
15 साल तक सत्ता से दूर रहने के बाद सत्ता में वापसी करने के लिए कांग्रेस एक बार फिर वापस सत्ता में आना चाहती है. जिसके लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश का दौरा कर आमजन से मुलाकात की. वहीं अब अगले क्रम में संगठन को मजबूत करने की ओर ध्यान दिया जा रहा है. जिसके लिए ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है. संगठन से रायशुमारी करने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल, डेडीकेट ब्लॉक और जिला मुख्यालयों में कार्यकर्ताओं से सीधे रूबरू होकर उनकी राय जानने का प्रयास कर रहा है, ताकि सर्वसम्मति से संगठन में सर्व मान्य नेता का चुनाव हो सके.
इसी क्रम में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रभारी बनाए गए योगेंद्र सिंह योगी जब मरवाही पहुंचे तो वहां पहले तो सब ठीक था वर्तमान जिलाध्यक्ष के समर्थकों के अलावा जब अन्य दावेदारों को बोलने की मांग उठी. तब उन्हें माइक नहीं दिया गया, हालांकि इसे परिवार के अंदर की बात कहकर टाल रहे है तो कुछ दावेदार सीधे जिलाध्यक्ष के दावेदारों के रूप में न सिर्फ सामने आ रहे हैं. बल्कि अपने समर्थकों का नाम भी सामने कर रहे हैं. वहीं कुछ लोगों ने आदिवासी अध्यक्ष की मांग कर डाली.
वहीं पदाधिकारियों का कहना है कि "कार्यकर्ता जिसे चाहे जो सक्रिय हो उसे ही जिले के संगठन की बागडोर सौंपी जाए. इन सबसे इधर विधायक 'सबका साथ सबका विकास' का नारा दे रहे हैं. जो भी चुना जाएगा वह कबूल होगा."
प्रभारी बनकर आए कांग्रेस के डीआरओ का कहना है कि "हाईकमान के निर्देशानुसार सर्वसम्मति से बूथ अध्यक्ष से लेकर ब्लॉक अध्यक्ष तक और पीसीसी डेडीकेट तक चुनने का प्रयास किया जा रहा है. मरवाही में भी मेरे पास आए आवेदनों पर मैंने सब को बोलने का मौका देने की बात कही थी. लेकिन चीजें दूसरी ओर चली गई.