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कानन पेंडारी में लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत, बेपरवाह प्रबंधन - कानन पेंडारी

बिलासपुर के कानन पेंडारी में प्रबंधन की लापरवाही से वन्य जीवों की लगातार मौत हो रही है. बीते 3 दिन में 2 वन्य जीवों ने अपना दम तोड़ दिया, लेकिन प्रबंधन इसे लोकर गंभीर नहीं दिख रहा है.

Constant wildlife deaths in Kanan
कानन में लगातार वन्यजीवों की मौत
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Published : Dec 30, 2019, 9:49 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 12:26 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी में वन्य जीवों की मौत का सिलसिला जारी है. मादा भालू की मौत के अभी दो दिन ही बीते थे कि अब एक बार फिर एक नील गाय ने दम तोड़ दिया है.

कानन में लगातार वन्यजीवों की मौत
3 दिन के भीतर 2 वन्य जीवों की मौत से जू प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गई है. बताया जा रहा है, नील गाय की मौत ठंड की वजह से हुई है. हालांकि जू प्रबंधन मामले को दबाने में लगा हुआ है.

अभी बीते शुक्रवार खरसिया से रेस्क्यू कर लाये गए मादा भालू ने भी जू में दम तोड़ दिया था. इससे पहले भी हिरण, हिप्पोपोटामस, शुतुरमुर्ग सहित दर्जनभर वन्य जीवों की मौत जू में हो चुकी है. प्रबंधन की उदासीनता, व्यवस्थाओं की कमी और वन्य जीवों की अनदेखी, जानवरों की मौत का प्रमुख कारण माना जा रहा है.

बिलासपुर: कानन पेंडारी में वन्य जीवों की मौत का सिलसिला जारी है. मादा भालू की मौत के अभी दो दिन ही बीते थे कि अब एक बार फिर एक नील गाय ने दम तोड़ दिया है.

कानन में लगातार वन्यजीवों की मौत
3 दिन के भीतर 2 वन्य जीवों की मौत से जू प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गई है. बताया जा रहा है, नील गाय की मौत ठंड की वजह से हुई है. हालांकि जू प्रबंधन मामले को दबाने में लगा हुआ है.

अभी बीते शुक्रवार खरसिया से रेस्क्यू कर लाये गए मादा भालू ने भी जू में दम तोड़ दिया था. इससे पहले भी हिरण, हिप्पोपोटामस, शुतुरमुर्ग सहित दर्जनभर वन्य जीवों की मौत जू में हो चुकी है. प्रबंधन की उदासीनता, व्यवस्थाओं की कमी और वन्य जीवों की अनदेखी, जानवरों की मौत का प्रमुख कारण माना जा रहा है.

Intro:बिलासपुर के मिनी जू कानन पेंडारी में वन्य जीवों के मौत का सिलसिला जारी है। मादा भालू के मौत के अभी दो दिन बीते ही थे कि एक बार फिर एक नील गाय ने जू में दम तोड़ दिया। Body:3 दिन के भीतर 2 वन्य जीवों के मौत से जू प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गयी है। बताया जा रहा है, नील गाय की मौत अत्यधिक ठंड की वजह से हुई है। हालांकि जू प्रबंधन मामले को दबाने में लगा हुआ है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार खरसिया से रेस्क्यू कर लाये गए मादा भालू ने भी जू में दम तोड़ दिया था। Conclusion:इससे पहले भी हिरण, हिप्पोपोटामॉस, शुतुरमुर्ग सहित दर्जनभर वन्य जीव की मौत जू में हो चुकी है। प्रबंधन की उदासीनता, व्यवस्थाओं की कमी व वन्य जीवों की अनदेखी को जानवरों के मौत का प्रमुख कारण माना जा रहा है। वहीं कानन प्रवंधन इस मामले में फिलहाल कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है ।
विशाल झा....बिलासपुर
Last Updated : Dec 30, 2019, 12:26 PM IST
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