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मल्लिका बल को राहत, मतपत्र से छेड़छाड़ केस में मिली जमानत - बिलासपुर जिला अदालत

स्टेट बार काउंसिल की सह-सचिव मल्लिका बल को जिला अदालत से जमानत मिल गई है. मल्लिका पर मतपत्र से छेड़छाड़ का आरोप है.

mallika bal got bail
मल्लिका बल
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Published : Jun 16, 2020, 9:32 PM IST

बिलासपुर: स्टेट बार काउंसिल की सह-सचिव मल्लिका बल को बिलासपुर जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है. जिला अदालत के जज पंकज जैन की बेंच ने मल्लिका बल की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. बीते 12 जून को बिलासपुर पुलिस ने 5 साल पुराने मामले में मल्लिका बल को गिरफ्तार किया था, उन्हें उनके घर से हिरासत में लेकर महिला थाने में ले जाया गया था. जहां पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

मल्लिका बल पर 2015 में स्टेट बार काउंसिल चुनाव में बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. मामले को लेकर बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में मल्लिका के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. गिरफ्तारी के बाद मल्लिका की ओर से जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे जज पंकज जैन की बेंच ने स्वीकार कर लिया है.

पढ़ें : मतपत्र से छेड़छाड़ के आरोप में स्टेट बार काउंसिल की सह-सचिव मल्लिका बल गिरफ्तार

वहीं, दूसरी ओर अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को निरस्त कराने के लिए मल्लिका बल ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसपर जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच ने निजी कारण बताते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया है.

क्या था पूरा मामला ?

बताया जा रहा है, पांच साल पहले छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस दौरान मतपत्रों को स्टेट बार कार्यालय में रखा गया था. बार काउंसिल के चुनाव में वरीयता क्रम में वोट डाले गए थे. जिसके बाद मतगणना के पहले चरण में प्रथम वरीयता वोटों की गिनती की गई थी. वहीं दूसरे चरण में दूसरी वरीयता की मतगणना हुई थी. इसी क्रम में मतगणना के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आया था.

मतपत्र से छेड़छाड़ करने का आरोप

प्रथम चरण की गिनती में बहुत पीछे रहने वाले वकीलों को सेकेंड वरीयता में रिकार्ड तोड़ वोट मिले थे. जिसपर अधिवक्ताओं ने मतपत्र से छेड़छाड़ और टेम्परिंग का आरोप लगाया था. साथ ही मतगणना रोकने और जांच की मांग को लेकर सिविल लाइन थाना में बार काउंसिल की तत्कालीन सचिव मल्लिका बल के खिलाफ शिकायत की गई थी. जिसके बाद मामला कोर्ट में था, इसलिए पुलिस शिकायत दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही था. बाद में कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे.

बिलासपुर: स्टेट बार काउंसिल की सह-सचिव मल्लिका बल को बिलासपुर जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है. जिला अदालत के जज पंकज जैन की बेंच ने मल्लिका बल की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. बीते 12 जून को बिलासपुर पुलिस ने 5 साल पुराने मामले में मल्लिका बल को गिरफ्तार किया था, उन्हें उनके घर से हिरासत में लेकर महिला थाने में ले जाया गया था. जहां पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

मल्लिका बल पर 2015 में स्टेट बार काउंसिल चुनाव में बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. मामले को लेकर बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में मल्लिका के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. गिरफ्तारी के बाद मल्लिका की ओर से जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे जज पंकज जैन की बेंच ने स्वीकार कर लिया है.

पढ़ें : मतपत्र से छेड़छाड़ के आरोप में स्टेट बार काउंसिल की सह-सचिव मल्लिका बल गिरफ्तार

वहीं, दूसरी ओर अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को निरस्त कराने के लिए मल्लिका बल ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसपर जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच ने निजी कारण बताते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया है.

क्या था पूरा मामला ?

बताया जा रहा है, पांच साल पहले छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस दौरान मतपत्रों को स्टेट बार कार्यालय में रखा गया था. बार काउंसिल के चुनाव में वरीयता क्रम में वोट डाले गए थे. जिसके बाद मतगणना के पहले चरण में प्रथम वरीयता वोटों की गिनती की गई थी. वहीं दूसरे चरण में दूसरी वरीयता की मतगणना हुई थी. इसी क्रम में मतगणना के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आया था.

मतपत्र से छेड़छाड़ करने का आरोप

प्रथम चरण की गिनती में बहुत पीछे रहने वाले वकीलों को सेकेंड वरीयता में रिकार्ड तोड़ वोट मिले थे. जिसपर अधिवक्ताओं ने मतपत्र से छेड़छाड़ और टेम्परिंग का आरोप लगाया था. साथ ही मतगणना रोकने और जांच की मांग को लेकर सिविल लाइन थाना में बार काउंसिल की तत्कालीन सचिव मल्लिका बल के खिलाफ शिकायत की गई थी. जिसके बाद मामला कोर्ट में था, इसलिए पुलिस शिकायत दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही था. बाद में कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे.

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