गौरेला पेंड्रा मरवाही : कलेक्टर ने कोटमी के देवरी कला धान खरीदी केंद्र में 9 जनवरी तक कोई भी धान जब्त नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर की. जिसके बाद केंद्र में नए कृषि विस्तार अधिकारी हेमंत कश्यप को ग्रेडिंग का आदेश दिया गया. इसके बाद कुछ धान की जब्ती की कार्रवाई हुई. 10 जनवरी को जब हेमंत कश्यप धान की ग्रेडिंग कर रहे थे, उसी दौरान नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल धान खरीदी केंद्र पहुंच गए. ग्रेडिंग के दौरान उन्होंने एक किसान के धान को जब्त करने के लिए कृषि विस्तार अधिकारी को कहा. अधिकारी ने धान की ग्रेडिंग और जांच के बाद ही जब्त करने की बात कही. उसने यह भी कहा कि जितना धान खराब है, सिर्फ उसे ही जब्त करते हैं बाकी अच्छे गुणवत्ता युक्त धान की खरीदी की जा सकती है.
धान जब्ती को लेकर तू तू-मैं मैं : इस बात को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई. तहसीलदार ने कहा कि जब मैंने धान जब्त करने के लिए कहा है तो आप मुझे पहचानिए और इसे जब्त कर लीजिए. जिस पर कृषि विस्तार अधिकारी धान की ग्रेडिंग करने के बाद ही जब्त करने की बात कही. लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद तहसीलदार ने पेंड्रा थाना के कोटमी चौकी में चौकी प्रभारी को फोन कर धान खरीदी केंद्र बुला लिया .इसके बाद कृषि विस्तार अधिकारी को गिरफ्तार कर ले जाने के लिए आदेशित किया चौकी प्रभारी भी धान खरीदी केंद्र से कृषि विस्तार अधिकारी को पकड़कर ले गए.
कलेक्टर को मिली सूचना : कृषि विस्तार अधिकारी ने व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से कलेक्टर को पूरे मामले की सूचना दी. जिसके बाद अतिरिक्त कलेक्टर ने चौकी में फोन कर कृषि विस्तार अधिकारी को पुलिस से छोड़ने के लिए कहा. मामला बढ़ने के बाद कृषि विस्तार अधिकारी ने छुट्टी ले ली है. वहीं एक सरकारी कर्मचारी को पुलिस से अरेस्ट कराने के मामले पर तहसीलदार का कहना है कि वहां लॉ इन ऑर्डर की स्थिति निर्मित हो रही थी. इसलिए मैंने ऐसा किया.वहीं खरीदी केंद्र में घटना के दिन दोनों अधिकारियों का आपस मे बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
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क्या है दोनों अधिकारियों का बयान : इस पूरे मामले में दोनों ही अधिकारियों का अपना-अपना मत है. कृषि विस्तार अधिकारी का कहना है कि '' मैं अपना काम कर रहा था. उसी दौरान तहसीलदार साहब आकर बोलने लगे किसान का पूरा धान जब्ती बनाओ. मैंने कहा सर जांच तो करने दीजिये जो पुराना होगा उसे रिजेक्ट कर देंगे. लेकिन तहसीलदार दबाव बनाने लगे और तू ताड़क में उतर गए और विवाद के बाद मुझे पुलिस बुलाकर चौकी भेज दिए.''
वहीं तहसीलदार का कहना है कि '' मुझे जानकारी मिली थी कि वो धान किसी कोचिए का है और उसके धान में गर्मी का भी धान मिला था. मैंने कृषि विस्तार अधिकारी को कहा सारा धान जब्त करो. लेकिन वो गर्मी वाला धान जब्त करना चाह रहे थे. उसने जब्ती करने से इनकार कर दिया और वहां पर माहौल थोड़ा बिगड़ रहा था. जिसके कारण पुलिस को बुलाकर उन्हें चौकी के बाहर बैठा दिया गया. कुछ समय बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.''