बिलासपुर: बस्तर में स्थायी शांति की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (Chhattisgarh Sarv Adivasi Society) ने सामूहिक उपवास रहकर अपने-अपने घरों के सामने धरना दिया. धरना प्रदर्शन में लोगों ने हाथों में तख्त के साथ बस्तर को बचाने और शांति स्थापित करने की मांग (protested to establish peace in Bastar) की है. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने कहा कि बस्तर में लगातार जो अशांति बनी हुई है उसको लेकर आज सर्व आदिवासी समाज भारत भर में धरना प्रदर्शन कर रहा है.
स्थाई शांति की अपील
सुभाष परते का कहना है कि बस्तर में लगातार नरसंहार की स्थिति बनी हुई है. स्थाई शांति पूरी तरह खत्म हो गई है. जिसे लेकर सर्व आदिवासी समाज पूरे देश भर में विरोध दर्ज करा रहे हैं. बस्तर जिसे शांति का टापू कहा जाता था उसे पुन उस स्थिति में लाना होगा. शासन-प्रशासन और नक्सलियों से भी हमारा अनुरोध है की हिंसा को छोड़ें और स्थाई शांति बनाने बात पर जोर दें.
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छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने कहा कि सिलगेर में हो रही हिंसा को लेकर हजारों आदिवासी धरने पर बैठे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन नजर नहीं आ रहा है. बस्तर के आदिवासियों के पास कमाने-खाने का कोई जरिया नहीं है. अगर यह विरोध प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा तो वहां जीवन की आशा नहीं कर सकते हैं. कहीं ना कहीं इस विषय पर चिंतन करने की आवश्यकता है. इसके लिए स्थाई रूप से शासन-प्रशासन और नक्सलियों से बात करनी चाहिए. स्थाई शांति के लिए प्रयास करें. अगर इस पर अमल नहीं किया जाता तो सर्व आदिवासी समाज चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगा.
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बड़े नक्सली कैडर की रहती है इलाके में धमक
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सरहदी गांव सिलगेर में सुरक्षाबलों के नए बेस कैंप का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने कैंप पर हमला कर दिया. इस दौरान हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई है. जिसे लेकर वहां लोगों का विरोध अब भी जारी है. सूत्रों की मानें तो इस इलाके में दक्षिण बस्तर के बड़े कैडर के नक्सली मौजूद रहते हैं. इस जगह में सुरक्षा बल का कैंप स्थपित होने से नक्सलियों के लिए बड़ा नुकसान होगा.