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मृत रेलकर्मी के दूसरी पत्नी की बेटी को मिलेगी नौकरी, HC ने पलटा रेलवे का आदेश - NATION

शहर की आरटीसी कॉलोनी में रहने वाली ऋचा लांबा के पिता गणेश लांबा एसईसीआर में कार्यरत थे. सेवा के दौरान ही 17 जनवरी 2015 में उनकी मौत हो गई थी.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jul 2, 2019, 3:11 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मृत रेलकर्मी के परिवार को बड़ी राहत दी है. सेवा के दौरान हुई रेलकर्मी की मौत के बाद भारतीय रेलवे ने मृतक की बेटी को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र बता दिया था. इस मामले में हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है.

शहर के आरटीसी कॉलोनी में रहने वाली ऋचा लांबा के पिता गणेश लांबा एसईसीआर में कार्यरत थे. सेवा के दौरान ही 17 जनवरी 2015 में उनकी मौत हो गई थी. लेकिन, जब ऋचा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन किया, तो रेलवे ने आवेदन ये कह कर ठुकरा दिया के वो मृतक गणेश की दूसरी पत्नी की बेटी है.

रेलवे के इस फैसले के खिलाफ ऋचा ने हाईकोर्ट की दरवाजा खटखटाया. रेलवे द्वारा 22 दिसबंर 2017 को जारी अधिसूचना को हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए बेटी ऋचा के हक में फैसला सुनाया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मृत रेलकर्मी के परिवार को बड़ी राहत दी है. सेवा के दौरान हुई रेलकर्मी की मौत के बाद भारतीय रेलवे ने मृतक की बेटी को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र बता दिया था. इस मामले में हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है.

शहर के आरटीसी कॉलोनी में रहने वाली ऋचा लांबा के पिता गणेश लांबा एसईसीआर में कार्यरत थे. सेवा के दौरान ही 17 जनवरी 2015 में उनकी मौत हो गई थी. लेकिन, जब ऋचा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन किया, तो रेलवे ने आवेदन ये कह कर ठुकरा दिया के वो मृतक गणेश की दूसरी पत्नी की बेटी है.

रेलवे के इस फैसले के खिलाफ ऋचा ने हाईकोर्ट की दरवाजा खटखटाया. रेलवे द्वारा 22 दिसबंर 2017 को जारी अधिसूचना को हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए बेटी ऋचा के हक में फैसला सुनाया है.

Intro:बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए मृत रेलकर्मी के परिवार को बड़ी राहत दी है । हाईकोर्ट ने बिलासपुर के ही मृत रेलकर्मी के दूसरी पत्नी के बच्चे को अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार दिया है ।


Body:इस मामले में केंद्र सरकार व रेलवे ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । अधिकरण ने बिलासपुर की युवती के हक़ में निर्णय सुनाया था जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है । गौरतलब है कि बिलासपुर के आरटीएस कालोनी में रहनेवाले ऋचा लाम्बा के पिता गणेश लाम्बा एसईसीआर में कार्यरत थे । सेवा के दौरान ही 17 जनवरी 2015 को उनकी मौत हो गई ।


Conclusion:ऋचा ने विभाग के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था जिसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वो मृतक की दूसरी पत्नी की बेटी है । इसे ऋचा ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी । अधिकरण ने बीते 22 दिसम्बर 2017 को रेलवे के आदेश को निरस्त करते हुए ऋचा के हक़ में आदेश जारी किया । जिसके खिलाफ secr हाईकोर्ट पहुंचा । लेकिन हाईकोर्ट ने अधिकरण के निर्णय को यथावत रखते हुए आवेदिका ऋचा को बड़ी राहत दी है ।
विशाल झा...... बिलासपुर
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