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12 साल की जमलो की मौत के मामले पर हाईकोर्ट ने शासन से मांगा स्टेटस रिपोर्ट

12 साल की बच्ची जमलो मड़कामी की मौत के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. बता दें कि 18 अप्रैल को दूसरे मजदूरों के साथ तेलंगाना से पैदल छत्तीसगढ़ आने वाली जमलो ने रास्ते पर ही दम तोड़ दिया था.

jamlo madkami pil in highcourt
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : May 29, 2020, 7:07 PM IST

बिलासपुर: तेलंगाना से छत्तीसगढ़ की तरफ पैदल चलकर आने वाली 12 साल की बच्ची जमलो मड़कामी की मौत के मामले पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया है. मामले पर अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी.

बता दें कि बीजापुर के आदेड़ गांव से 12 साल की बच्ची जमलो मड़कामी गांव के अन्य लोगों के साथ रोजगार की तलाश में कई महीनों पहले तेलंगाना गई थी. वहां पेरूर गांव में मिर्ची तोड़ने का काम करती थी. कोरोना महामारी के मद्देनजर अचानक पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया. ये वक्त ऐसा आया जिसने मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली.

100 किलोमीटर पैदल चली थी जमलो

लॉकडाउन के दौरान पहले के 21 दिन तो कट गए, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने के बाद जमलो अप्रैल के महीने में 11 मजदूरों के साथ अपने गांव की ओर पैदल निकल पड़ी. करीब 100 किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी मजदूरों का दल 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल तक पहुंचा था. इसी दौरान जमलो कि मौत हो गई.

लॉ स्टूडेंट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को लिखी थी चिट्ठी

मामले को लेकर अंबिकापुर के लॉ स्टूडेंट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी. जिसको संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने उसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन और स्टेट लीगल अथॉरिटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया था. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान स्टेट लीगल अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के सामने अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की.

पढ़ें- बीजापुर: जमलो की मौत से अनजान भाई-बहन को आज भी है उसका इंतजार

अथॉरिटी ने हाईकोर्ट को बताया कि बच्ची की मौत पानी की कमी और थकान की वजह से हुई थी. इसके साथ ही अथॉरिटी ने यह भी बताया कि बच्ची सफर के दौरान चोटिल हो गई थी. इसलिए चोट भी बच्ची की मौत की वजह हो सकती है. अथॉरिटी ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बच्ची के परिवार को 5 लाख रुपए का अनुदान भी दिया गया है.

पढ़ें- LOCKDOWN : जिंदगी की जंग हार गई, बस्तर की बिटिया

सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने शासन से मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही सभी प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आ रहे हैं उनके लिए क्या इंतजाम किए गए और कैसी तैयारी उनके लिए की जा रही है. इसकी पूरी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने शासन से कहा गया है. अब मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन और पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

बिलासपुर: तेलंगाना से छत्तीसगढ़ की तरफ पैदल चलकर आने वाली 12 साल की बच्ची जमलो मड़कामी की मौत के मामले पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया है. मामले पर अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी.

बता दें कि बीजापुर के आदेड़ गांव से 12 साल की बच्ची जमलो मड़कामी गांव के अन्य लोगों के साथ रोजगार की तलाश में कई महीनों पहले तेलंगाना गई थी. वहां पेरूर गांव में मिर्ची तोड़ने का काम करती थी. कोरोना महामारी के मद्देनजर अचानक पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया. ये वक्त ऐसा आया जिसने मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली.

100 किलोमीटर पैदल चली थी जमलो

लॉकडाउन के दौरान पहले के 21 दिन तो कट गए, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने के बाद जमलो अप्रैल के महीने में 11 मजदूरों के साथ अपने गांव की ओर पैदल निकल पड़ी. करीब 100 किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी मजदूरों का दल 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल तक पहुंचा था. इसी दौरान जमलो कि मौत हो गई.

लॉ स्टूडेंट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को लिखी थी चिट्ठी

मामले को लेकर अंबिकापुर के लॉ स्टूडेंट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी. जिसको संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने उसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन और स्टेट लीगल अथॉरिटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया था. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान स्टेट लीगल अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के सामने अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की.

पढ़ें- बीजापुर: जमलो की मौत से अनजान भाई-बहन को आज भी है उसका इंतजार

अथॉरिटी ने हाईकोर्ट को बताया कि बच्ची की मौत पानी की कमी और थकान की वजह से हुई थी. इसके साथ ही अथॉरिटी ने यह भी बताया कि बच्ची सफर के दौरान चोटिल हो गई थी. इसलिए चोट भी बच्ची की मौत की वजह हो सकती है. अथॉरिटी ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बच्ची के परिवार को 5 लाख रुपए का अनुदान भी दिया गया है.

पढ़ें- LOCKDOWN : जिंदगी की जंग हार गई, बस्तर की बिटिया

सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने शासन से मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही सभी प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आ रहे हैं उनके लिए क्या इंतजाम किए गए और कैसी तैयारी उनके लिए की जा रही है. इसकी पूरी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने शासन से कहा गया है. अब मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन और पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

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