बिलासपुर: इससे पहले अमन सिंह सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और हाई कोर्ट से लोअर कोर्ट गए. जहां उनकी याचिका खारिज हो गई. याचिका खारिज होने पर अमन सिंह ने फिर बिलासपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने इससे पहले शासन को नोटिस जारी किया था और मामले की केस डायरी मंगाई थी.
अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित: डॉ रमन सिंह सरकार में प्रमुख सचिव रहे उनके रिश्तेदार अमन सिंह की याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की कोर्ट ने अमन सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट ने मामले में फैसला आने तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पुलिस को कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ EOW ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी से बचने के लिए अमन सिंह कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं.
जमानत अर्जी पर पांच घंटे चली सुनवाई: सोमवार को पूर्व मुख्य सचिव की अग्रिम जमानत के मामले में कोर्ट में लगभग 5 घंटे सुनवाई चली. जिसमें राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतोदास और रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा के वकील ने जमानत देने का विरोध किया. वकीलों ने कोर्ट में कहा कि "जब सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने के आदेश को खारिज कर दिया है, तो यह मामला गंभीर है. ऐसे में अमन सिंह को जमानत नहीं देना चाहिए."
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अग्रिम जमानत याचिका को निचली अदालत ने किया है खारिज : इससे पहले रायपुर के निचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. इसके बाद अमन सिंह ने हाईकोर्ट में दूसरी बार याचिका लगाई है. पहली बार अमन सिंह ने सीधे ही हाईकोर्ट में याचिका लगाई और राहत मांगी थी. इस पर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर करने से इंकार कर दिया था और उन्हें निचली अदालत में जाने की छूट दी थी. अब सेशन कोर्ट में भी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद फिर हाईकोर्ट से अमन सिंह को उम्मीदें हैं.