बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एएसआई से एसआई प्रमोशन मामले (SI promotion case)में आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court)ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में तत्काल जवाब तलब को निर्देशित किया (Directed to summon immediate reply in notice) गया है. मामले में 2011 में दुर्ग में पदस्थ एएसआई से एसआई पद पर जूनियर को प्रमोशन (Promotion to junior from ASI posted in Durg to SI post) देने पर कोर्ट में याचिका दायर (Petition filed in court) की गई है.
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बिलासपुर एएसआई 2011 से थे पदस्थ
दरअसल, बिलासपुर एएसआई मुकेश झा, रोशन बघेल, दिलीप ठाकुर, विजय मिश्रा, जिला रायपुर, दुर्ग एवं बस्तर में वर्ष 2011 से ए.एस.आई. के पद पर पदस्थ थे. वहीं, सेवाकाल के लगभग 11 साल बाद डीजीपी पुलिस मुख्यालय द्वारा जुलाई 2021 में एएसआई से एसआई पद पर प्रमोशन का आदेश जारी किया गया. इस आदेश में याचिकाकर्ता को एसआई पद पर प्रमोशन से वंचित कर उनसे एक वर्ष जूनियर महेश्वर लाल देवांगन को एसआई के पद पर प्रमोशन दिये जाने से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
हाईकोर्ट का अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद नाराजगी जाहिर
वहीं, कोर्ट में याचिका की सुनवाई के बाद इस आधार पर याचिकाकर्ता से जूनियर एएसआई को एसआई पद पर प्रमोशन दे दिया गया. नियमानुसार 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया गया. 60 दिन के बाद भी याचिकाकर्ता के एएसआई से एसआई पद पर प्रमोशन आवेदन का निराकरण ना किये जाने से नाराज होकर फिर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट बिलासपुर ने मामले में अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने मामले में डीजीपी पुलिस मुख्यालय अशोक जुनेजा, पूर्व डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी, आईजी रायपुर आनंद छाबड़ा, आईजी दुर्ग ओम प्रकाश पॉल, आईजी बस्तर, पी . सुन्दरराज को इस मामले में अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.