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श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की याचिका पर सुनवाई पूरी, HC ने सुरक्षित रखा फैसला

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Published : Jun 12, 2020, 4:43 AM IST

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है. मामले का फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. अगली सुनवाई में फैसला सुनाया जा सकता है.

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श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की याचिका पर सुनवाई पूरी

बिलासपुर: मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेनों और बसों की व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसपर चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिविजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था. हाईकोर्ट ने राज्य शासन से श्रमिकों के लिए खाने और रुकने के लिए किए गए व्यवस्थाओं को लेकर जवाब तलब किया था. बता दें मामले में राज्य शासन और बिलासपुर नगर निगम ने अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश कर दिया है. सरकार ने बताया था कि राज्य शासन 900 बसें चला रही है. जिसमें से 200 बसें अकेले बिलासपुर से चलाई जा रहीं हैं. इसके साथ ही मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है.

बिलासपुर के संजय गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हर राज्य में श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है. लेकिन बिलासपुर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. याचिका में बिलासपुर से भी श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही जिन राज्यों से श्रमिक ट्रेनें चल रहीं हैं उनकी बिलासपुर स्टेशन में स्टॉपेज की मांग भी की गई है. ताकि बाहर के मजदूर अपने राज्य जा सकें. मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए कहा था कि दूसरे राज्यों से आए हुए ज्यादातर श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया है

पढ़ें: SPECIAL: 20 वर्षों में हजारों लोग हुए लापता, कागजों में ढूंढ रही पुलिस!

प्रशासन की अव्यव्स्था का भी जिक्र

याचिका में कहा गया है कि बिलासपुर के बस स्टेशन में भी श्रमिकों के लिए खाने, रुकने और सफाई की उचित व्यवस्था शासन की ओर से नहीं की गई है. रात में जो श्रमिक अपने बच्चों के साथ बस स्टेशन पहुंच रहे हैं. उन्हें दोपहर में खाना दिया जा रहा है. यह खाना सामाजिक संगठन दे रहे हैं.

बिलासपुर: मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेनों और बसों की व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसपर चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिविजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था. हाईकोर्ट ने राज्य शासन से श्रमिकों के लिए खाने और रुकने के लिए किए गए व्यवस्थाओं को लेकर जवाब तलब किया था. बता दें मामले में राज्य शासन और बिलासपुर नगर निगम ने अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश कर दिया है. सरकार ने बताया था कि राज्य शासन 900 बसें चला रही है. जिसमें से 200 बसें अकेले बिलासपुर से चलाई जा रहीं हैं. इसके साथ ही मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है.

बिलासपुर के संजय गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हर राज्य में श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है. लेकिन बिलासपुर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. याचिका में बिलासपुर से भी श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही जिन राज्यों से श्रमिक ट्रेनें चल रहीं हैं उनकी बिलासपुर स्टेशन में स्टॉपेज की मांग भी की गई है. ताकि बाहर के मजदूर अपने राज्य जा सकें. मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए कहा था कि दूसरे राज्यों से आए हुए ज्यादातर श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया है

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प्रशासन की अव्यव्स्था का भी जिक्र

याचिका में कहा गया है कि बिलासपुर के बस स्टेशन में भी श्रमिकों के लिए खाने, रुकने और सफाई की उचित व्यवस्था शासन की ओर से नहीं की गई है. रात में जो श्रमिक अपने बच्चों के साथ बस स्टेशन पहुंच रहे हैं. उन्हें दोपहर में खाना दिया जा रहा है. यह खाना सामाजिक संगठन दे रहे हैं.

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