बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में बड़ा फैसला दिया है. दुष्कर्म का केस रद्द करने के मामले में पीड़ित और आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने FIR रद्द कर दी. कोर्ट ने कहा कि विवाद का मुख्य कारण यदि समाप्त हो जाए तो अपराध खत्म किया जा सकता है.
ये है मामला: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 26 जून 2021 को थाने में धारा 376 और एससीएसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज किया गया. मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई. बाद में आरोपी और दुष्कर्म पीड़िता ने आपसी समझौता करते हुए शादी कर ली. शादी के बाद दुष्कर्म पीड़िता और आरोपी सुखी वैवाहिक जीवन बिताने लगे. उनका एक बच्चा भी है. आरोपी और पीड़िता ने थाने में लिखित में आपसी समझौता के साथ ही विवाह की जानकारी दी और FIR निरस्त करने की मांग की. दोनों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में FIR निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका भी दायर की.
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पीड़ित से शादी के बाद अपराध का कारण खत्म: रेप केस में FIR खारिज करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस रजनी दुबे ने कहा कि "यदि पीड़िता और आरोपी के बीच विवाद का मुख्य कारण खत्म हो गया है तो FIR निरस्त की जा सकती है. क्योंकि अपराध का मुख्य कारण आरोपी द्वारा पीड़िता से शादी नहीं करना था, लेकिन अब आरोपी ने पीड़िता से शादी कर ली है. इसलिए अपराध का मुख्य कारण ही खत्म हो गया है. क्योंकि अब आरोपी ने पीड़िता से शादी कर लिया है इसलिए अपराध भी खत्म किया जा सकता है." इसी आधार पर हाईकोर्ट ने FIR निरस्त करने का आदेश दिया.