बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के घरौंदा केंद्रों में करोड़ों के अनुदान के बाद भी भुखमरी से मौत पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस बार हुई सुनवाई में कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट देखी. मनेंद्रगढ़ कलेक्टर के जवाब को देखकर बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस काफी नाराज हुए. उन्होंने उपसंचालक समाज कल्याण और जिला कलेक्टर महेंद्रगढ़ से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब मांगा है.
मनेंद्रगढ़ कलेक्टर के बयान पर हाईकोर्ट सख्त: रायपुर की कोपलवाणी संस्था द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने 11 कोर्ट कमिश्नरों को नियुक्त किया था. जो अलग-अलग जिलों के कन्या आश्रम और घरौंदो की जांच कर रहे हैं. इस बार हुई सुनवाई में कोर्ट कमिश्नरों ने रिपोर्ट रखी. मनेंद्रगढ़ के आश्रम का निरीक्षण करने के बाद तैयार रिपोर्ट भी पेश किया गया.मनेंद्रगढ़ कलेक्टर से मुलाकात के बाद बनाई गई रिपोर्ट देखकर बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस काफी नाराज हुए.
मनेंद्रगढ़ कलेक्टर ने क्या कहा था: मनेंद्रगढ़ को लेकर कोर्ट कमिश्नर ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें बताया गया है कि यहां शराब दुकान के ठीक सामने ही घरौंदा संचालित किया जा रहा है. इस मामले में जब जिला प्रशासन से शिकायत हुई, तो स्थानीय कलेक्टर ने कहा किजब घरौंदा के सामने से शराब दुकान हटाने लोगों ने मांग की, तो कलेक्टर मनिंद्रगढ़ ने कहा था कि शराब दुकान वहीं रहेगी, घरौंदा शिफ्ट किया जा सकता है." कलेक्टर के इस जवाब को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि घरौंदा कलेक्टर के घर में शिफ्ट किया जाए क्या. बिलासपुर हाईकोर्ट ने उपसंचालक समाज कल्याण और जिला कलेक्टर महेंद्रगढ़ से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब देने को कहा है.