बिलासपुर: चांद, मंगल को अपनी मुट्ठी में करने वाले विश्व के सामने जल संकट विकराल रूप लेकर खड़ा है. भारत के कई शहर पीने के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि साल 2030 तक करीब 40 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी उपलब्ध नहीं होगा. जल संकट के बीच हम आपको ऐसी छात्रा से मिलवाते हैं, जिसने गंदे पानी की सफाई का एक तरीका खोज निकाला है.
हिंमागी बताती है कि 1 लीटर गंदे पानी में महज 0.005 मिली लीटर अमीय जल को मिलाने से पानी साफ हो जाता है. हिमांगी और उसकी टीम ने इस आविष्कार की तारीफ चारों ओर हो रही है और भारत सरकार को सैंपल पेटेंट करने के लिए भेजा भी गया है.
पिछले दिनों इसे पुणे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से पुणे में पेटेंट रिव्यू को प्रदर्शित भी किया गया और इसे काफी सराहा भी गया. इसके अलावा इसे बीते दिनों ग्रेटर नोयडा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के कॉप 14 सम्मेलन में अमीय जल प्रोजेक्ट को कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया और काफी सराहा गया.
हिमांगी और उसकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि कम संसाधनों के बीच भी कैसे छोटे-छोटे से शहरों के बच्चे अपने इनोवेटिव आइडिया से कमाल कर सकते हैं. बस जरूरत है हिमांगी और उसके टीम के इस आविष्कार को एक नया आयाम मिले ताकि जल संरक्षण के क्षेत्र में बिलासपुर के इस बेटी की नायाब खोज का डंका पूरे विश्व में बजे.