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SPECIAL: छत्तीसगढ़ की बेटी का आइडिया, इस मिश्रण से झट से साफ हो जाता है गंदा पानी - CHHATTISGARH NEWS

बिलासपुर की रहने वाली एक स्कूली छात्रा हिमांगी हलधर ने 6 महीने से अधिक समय के गहन शोध के बाद ने कुछ देसी चीजों के मिश्रण से एक जेलीनुमा आविष्कार किया है.

छात्रा हिमांगी और उनकी साथी
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Published : Nov 7, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 6:34 PM IST

बिलासपुर: चांद, मंगल को अपनी मुट्ठी में करने वाले विश्व के सामने जल संकट विकराल रूप लेकर खड़ा है. भारत के कई शहर पीने के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि साल 2030 तक करीब 40 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी उपलब्ध नहीं होगा. जल संकट के बीच हम आपको ऐसी छात्रा से मिलवाते हैं, जिसने गंदे पानी की सफाई का एक तरीका खोज निकाला है.

पैकेज.
बिलासपुर की रहने वाली एक स्कूली छात्रा हिमांगी हलधर ने 6 महीने से अधिक समय के गहन शोध के बाद ने कुछ देसी चीजों के मिश्रण से एक जेलीनुमा आविष्कार किया है. जिसे गंदे से गंदा पानी भी मिलाने से साफ हो जाता है. गंदे से गंदे पानी को पीने योग्य बनाने के अपने आविष्कार का नाम दिया है "जल अमीय". आप भी देखिए कैसेहिमांगी ने बताया कि निर्मली के बीज के पाउडर, मूंगा के बीज के पाउडर, नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते को निश्चित अनुपात में डालकर जल अमीय को तैयार जाता है, जिससे यह जेली जैसा बन जाती है. जिसकी बाद इस जेली को गंदे पानी में पानी में घुली तमाम गंदगी नीचे बैठ जाती है और चंद मिनटों में पानी इस्तेमाल करने योग्य बन जाता है. अगर इसी प्रक्रिया दो बार किया जाय तो गंदा से गंदा पानी भी पीने योग्य बन जाता है.

हिंमागी बताती है कि 1 लीटर गंदे पानी में महज 0.005 मिली लीटर अमीय जल को मिलाने से पानी साफ हो जाता है. हिमांगी और उसकी टीम ने इस आविष्कार की तारीफ चारों ओर हो रही है और भारत सरकार को सैंपल पेटेंट करने के लिए भेजा भी गया है.

पिछले दिनों इसे पुणे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से पुणे में पेटेंट रिव्यू को प्रदर्शित भी किया गया और इसे काफी सराहा भी गया. इसके अलावा इसे बीते दिनों ग्रेटर नोयडा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के कॉप 14 सम्मेलन में अमीय जल प्रोजेक्ट को कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया और काफी सराहा गया.

हिमांगी और उसकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि कम संसाधनों के बीच भी कैसे छोटे-छोटे से शहरों के बच्चे अपने इनोवेटिव आइडिया से कमाल कर सकते हैं. बस जरूरत है हिमांगी और उसके टीम के इस आविष्कार को एक नया आयाम मिले ताकि जल संरक्षण के क्षेत्र में बिलासपुर के इस बेटी की नायाब खोज का डंका पूरे विश्व में बजे.

बिलासपुर: चांद, मंगल को अपनी मुट्ठी में करने वाले विश्व के सामने जल संकट विकराल रूप लेकर खड़ा है. भारत के कई शहर पीने के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि साल 2030 तक करीब 40 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी उपलब्ध नहीं होगा. जल संकट के बीच हम आपको ऐसी छात्रा से मिलवाते हैं, जिसने गंदे पानी की सफाई का एक तरीका खोज निकाला है.

पैकेज.
बिलासपुर की रहने वाली एक स्कूली छात्रा हिमांगी हलधर ने 6 महीने से अधिक समय के गहन शोध के बाद ने कुछ देसी चीजों के मिश्रण से एक जेलीनुमा आविष्कार किया है. जिसे गंदे से गंदा पानी भी मिलाने से साफ हो जाता है. गंदे से गंदे पानी को पीने योग्य बनाने के अपने आविष्कार का नाम दिया है "जल अमीय". आप भी देखिए कैसेहिमांगी ने बताया कि निर्मली के बीज के पाउडर, मूंगा के बीज के पाउडर, नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते को निश्चित अनुपात में डालकर जल अमीय को तैयार जाता है, जिससे यह जेली जैसा बन जाती है. जिसकी बाद इस जेली को गंदे पानी में पानी में घुली तमाम गंदगी नीचे बैठ जाती है और चंद मिनटों में पानी इस्तेमाल करने योग्य बन जाता है. अगर इसी प्रक्रिया दो बार किया जाय तो गंदा से गंदा पानी भी पीने योग्य बन जाता है.

हिंमागी बताती है कि 1 लीटर गंदे पानी में महज 0.005 मिली लीटर अमीय जल को मिलाने से पानी साफ हो जाता है. हिमांगी और उसकी टीम ने इस आविष्कार की तारीफ चारों ओर हो रही है और भारत सरकार को सैंपल पेटेंट करने के लिए भेजा भी गया है.

पिछले दिनों इसे पुणे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से पुणे में पेटेंट रिव्यू को प्रदर्शित भी किया गया और इसे काफी सराहा भी गया. इसके अलावा इसे बीते दिनों ग्रेटर नोयडा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के कॉप 14 सम्मेलन में अमीय जल प्रोजेक्ट को कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया और काफी सराहा गया.

हिमांगी और उसकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि कम संसाधनों के बीच भी कैसे छोटे-छोटे से शहरों के बच्चे अपने इनोवेटिव आइडिया से कमाल कर सकते हैं. बस जरूरत है हिमांगी और उसके टीम के इस आविष्कार को एक नया आयाम मिले ताकि जल संरक्षण के क्षेत्र में बिलासपुर के इस बेटी की नायाब खोज का डंका पूरे विश्व में बजे.

Intro:पूरी दुनिया जल संकट की समस्या को झेल रहा है और कहनेवाले यह भी कह रहे हैं कि अगला विश्व युद्ध अगर होगा तो वो जल संकट के कारण ही होगा । ऐसे में बिलासपुर की एक होनहार छात्रा ने गन्दे पानी की सफाई का नायाब तरकीब ढूंढ लिया है और गन्दे से गन्दे पानी को पीने योग्य बनाने के अपने आविष्कार का नाम दिया है "जल अमीय" । एक ख़ास रिपोर्ट...


Body:अपने 6 महीने से अधिक समय के गहन शोध के बाद शहर की एक स्कूली छात्रा हिमांगी हलधर ने कुछ देसी चीजों के मिश्रण से एक जेलीनुमा आविष्कार किया है । इसे गन्दे से गन्दे पानी में डालने से पानी में घुली तमाम गन्दगी नीचे बैठ जाती है और चंद मिनटों में पानी इस्तेमाल करने योग्य बन जाता है । और यदि इसी प्रक्रिया दो बार किया जाय तो गन्दा से गन्दा पानी भी पीने योग्य बन जाता है । हिमांगी और उसके सहयोगियों ने इस आविष्कार को बनाने के लिए आयुर्वेद का गहन अध्ययन किया और निर्मली के बीज के पाउडर,मुनगा के बीज के पाउडर,नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते को निश्चित अनुपात में डालकर जल अमीय को तैयार किया। 1 लीटर अशुद्ध जल में महज 0.005 ml अमीय जल को मिलाने से पानी साफ हो जाता है ।हिमांगी और उसके टीम के द्वारा निर्मित इस आविष्कार की तारीफ चारों ओर हो रही है और भारत सरकार को सैम्पल पेटेंट करने के लिए भेजा भी गया है । पिछले दिनों इसे पुणे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से पुणे में पेटेंट रिव्यू को प्रदर्शित भी किया गया और इसे काफी सराहा भी गया । इसके अलावा इसे बीते दिनों ग्रेटर नोयडा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के कॉप 14 सम्मेलन में अमीय जल प्रोजेक्ट को कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया और काफी सराहा गया ।


Conclusion:हिमांगी और उसकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि कम संसाधनों के बीच भी कैसे छोटे छोटे से शहरों के बच्चे अपने इनोवेटिव आइडिया से कमाल कर सकते हैं । बस जरूरत है हिमांगी और उसके टीम के इस आविष्कार को एक नया आयाम मिले ताकि जल संरक्षण के क्षेत्र में बिलासपुर के इस बेटी की नायाब खोज का डंका पूरे विश्व में बजे । बाईट... हिमांगी....स्कूली ड्रेस में बाईट...पूनम...हिमांगी की सहयोगी,... बाईट...कृष्णा...(हिमांगी की दादी) बाईट... पानू हलधर...हिमांगी के गाइड विशाल झा.... बिलासपुर
Last Updated : Nov 7, 2019, 6:34 PM IST
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