ETV Bharat / state

Chhattisgarh Assembly Election: क्या मरवाही से खत्म हो जाएगा जोगी परिवार का राजनीतिक रिश्ता ? - विधानसभा चुनाव 2023

मरवाही विधानसभा सीट क्या अब जोगी परिवार विहीन हो सकता है? जोगी परिवार का जाति मामले में अब तक कोर्ट का फैसला नहीं आया है. इस वजह से आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में मरवाही सीट से शायद जोगी परिवार चुनाव नहीं लड़ सकेगी. आगामी विधानसभा चुनाव में क्या फिर जोगी परिवार से यहां कोई चुनाव लड़ सकेगा? यह सवाल बहुत बड़ा है, जिसका जवाब शायद जोगी परिवार के पास भी न हो.

Chhattisgarh Assembly Election
मरवाही विधानसभा सीट
author img

By

Published : May 8, 2023, 7:38 PM IST

बिलासपुर: अविभाजित बिलासपुर जिले का सबसे हॉट सीट कहलाने वाला मरवाही विधानसभा अब जोगी परिवार विहीन हो सकता है. जोगी परिवार से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया है. वहीं उनके बेटे अमित जोगी का जाति मामला न्यायालय में लंबित है. इस वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.

रेणु जोगी और ऋचा जोगी एसटी वर्ग से नहीं: इसी तरह कोटा विधायक रेणु जोगी और ऋचा जोगी दोनों ही आदिवासी समाज से नहीं हैं. मरवाही विधानसभा सीट एसटी के लिए रिजर्व सीट है. यही कारण है कि जोगी परिवार के समर्थक इस सीट को लेकर असमंजस में है. जोगी परिवार के समर्थक इस सीट से जोगी परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा चुनाव लड़ने की मंशा बहुत कम ही रख रहे हैं. क्योंकि कोर्ट के मामलों की वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.



मरवाही विधानसभा का चुनावी गणित: मरवाही विधानसभा सीट ही एक ऐसी सीट है, जहां साल 2000 में राज्य बनने के बाद साल 2020 तक यानी 20 सालों में 6 बार चुनाव हो चुके हैं. यहां 5 बार जोगी परिवार के सदस्य ने जीत हासिल की है. छठवीं बार हुए चुनाव में जोगी परिवार से कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा सका था. राज्य बनने के बाद अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनें और वे अपने गृह विधानसभा मरवाही से 2001 में चुनाव लड़े. राज्य बनने के पहले साल ही मरवाही में उपचुनाव हुए थे, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा प्रत्याशी अमर सिंह को 51 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था.

यह भी पढ़ें: Richa Jogi gets bail in fake caste case: फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में ऋचा जोगी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत, मिली इंटरिम बेल

2003 में मरवाही जीते, लेकिन सत्ता गंवाई: साल 2003 में चुनाव हुआ. इस चुनाव में भी अजीत जोगी ने भाजपा के दमदार नेता नंदकुमार साय को हरा दिया था. लेकिन कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल सका और राज्य में भाजपा सत्ता में पहली बार आई. इसके बाद अजित जोगी ने 2008 में भाजपा के ध्यान सिंह को हराया. 2013 में मरवाही से अमित जोगी ने भाजपा की महिला प्रत्याशी समीरा पैकरा को हरा कर जीत हासिल की.

2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी ने कांंग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी जेसीसीजे बनाई. इस पार्टी के जरिए हल छाप निशान से वह चुनाव मैदान में उतरे. तब अजीत जोगी ने 46 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. यहां से भाजपा प्रत्याशी अर्चना पोर्ते 27 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह राज 20 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

बिलासपुर: अविभाजित बिलासपुर जिले का सबसे हॉट सीट कहलाने वाला मरवाही विधानसभा अब जोगी परिवार विहीन हो सकता है. जोगी परिवार से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया है. वहीं उनके बेटे अमित जोगी का जाति मामला न्यायालय में लंबित है. इस वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.

रेणु जोगी और ऋचा जोगी एसटी वर्ग से नहीं: इसी तरह कोटा विधायक रेणु जोगी और ऋचा जोगी दोनों ही आदिवासी समाज से नहीं हैं. मरवाही विधानसभा सीट एसटी के लिए रिजर्व सीट है. यही कारण है कि जोगी परिवार के समर्थक इस सीट को लेकर असमंजस में है. जोगी परिवार के समर्थक इस सीट से जोगी परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा चुनाव लड़ने की मंशा बहुत कम ही रख रहे हैं. क्योंकि कोर्ट के मामलों की वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.



मरवाही विधानसभा का चुनावी गणित: मरवाही विधानसभा सीट ही एक ऐसी सीट है, जहां साल 2000 में राज्य बनने के बाद साल 2020 तक यानी 20 सालों में 6 बार चुनाव हो चुके हैं. यहां 5 बार जोगी परिवार के सदस्य ने जीत हासिल की है. छठवीं बार हुए चुनाव में जोगी परिवार से कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा सका था. राज्य बनने के बाद अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनें और वे अपने गृह विधानसभा मरवाही से 2001 में चुनाव लड़े. राज्य बनने के पहले साल ही मरवाही में उपचुनाव हुए थे, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा प्रत्याशी अमर सिंह को 51 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था.

यह भी पढ़ें: Richa Jogi gets bail in fake caste case: फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में ऋचा जोगी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत, मिली इंटरिम बेल

2003 में मरवाही जीते, लेकिन सत्ता गंवाई: साल 2003 में चुनाव हुआ. इस चुनाव में भी अजीत जोगी ने भाजपा के दमदार नेता नंदकुमार साय को हरा दिया था. लेकिन कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल सका और राज्य में भाजपा सत्ता में पहली बार आई. इसके बाद अजित जोगी ने 2008 में भाजपा के ध्यान सिंह को हराया. 2013 में मरवाही से अमित जोगी ने भाजपा की महिला प्रत्याशी समीरा पैकरा को हरा कर जीत हासिल की.

2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी ने कांंग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी जेसीसीजे बनाई. इस पार्टी के जरिए हल छाप निशान से वह चुनाव मैदान में उतरे. तब अजीत जोगी ने 46 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. यहां से भाजपा प्रत्याशी अर्चना पोर्ते 27 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह राज 20 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.