बिलासपुर: पवित्रता और आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया. सूर्य के उगने से पहले ही छठ व्रती महिलाएं घाटों पर पूजा के लिए पहुंच गईं थीं. शहर के न्यू कॉलोनी छठ घाट पर सबसे सुंदर नजारा रहा. घाट पर हजारों की संख्या में महिलाओं ने एक साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. सूर्य देवता को अर्घ्य देने के बाद चार दिनों से चलने वाले महापर्व का खुशियों के साथ समापन हो गया. छठ व्रतियों ने परिवार में सुख और शांति की कामना छठी माई से की.
घाटों पर दिखा अदभुत नजारा: शहर की न्यू कॉलोनी में छठ पूजा के लिए खास इंतजाम किए गए थे. शक्तिपीठ मां मरीमाई मंदिर समिति ने तालाबों पर अर्घ्य की विशेष तैयारी की थी. सुबह के वक्त हजारों की संख्या में छठ व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंची. सुबह के वक्त जब यहां अंधेरा था दीयों की रोशनी से पूरा तालाब जगमगा उठा. जैसे ही सूर्य देवता का उदय हुआ छठ व्रती महिलाओं ने सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की. अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व का समापन हो गया. घाटों पर छठ व्रतियों ने लोगों को प्रसाद बांटे.
मरीमाई मंदिर पर जुटे छठ व्रती: सबसे कठीन व्रतों में से एक व्रत के तौर पर छठ पर्व को गिना जाता है. करीब चार दिनों तक इस व्रत में महिलाएं कठिन तप कर पूर्व को पूर्ण करती हैं. माना जाता है कि व्रत करने से जहां मन पवित्र होता है वहीं सूर्य देवता व्रतियों की इच्छाएं भी पूर्ण करते हैं. उत्तर भारतीय लोगों का ये खास पर्व अब सिर्फ उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं रहा. उत्तर भारत के बाहर भी छठ पर्व अब बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है. जहां भी उत्तर भारत के लोग रहते हैं वो छठ पर्व वहां पर मनाते हैं. प्रशासन की ओर से भी छठ पर्व पर खास सुरक्षा व्यवस्था की जाती है.