बिलासपुर : छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग ने 2022 परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. जिसमें प्रदेश भर से 207 लोगों का चयन सिविल सर्विसेज के लिए हुआ है. बिलासपुर शहर के गोंडपारा में रहने वाली शिक्षा शर्मा ने भी इस परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करते हुए चौथा स्थान लाया है. शिक्षा शर्मा ने इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए कहीं बाहर जाकर कोचिंग नहीं ली. बल्कि शहर के ही कोचिंग संस्थान की मदद लेकर सीजीपीएससी की परीक्षा निकाली है.
शहर में रहकर शिक्षा ने की पढ़ाई : शिक्षा शर्मा की शुरुआती शिक्षा बिलासपुर के बृजेश स्कूल से शुरू हुई. जहां 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद शिक्षा ने गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया.बीटेक पास करने के बाद शिक्षा ने सीजीपीएससी की तैयारी शुरू की. शिक्षा ने पहले भी दो बार सीजीपीएससी की परीक्षा दी थी.लेकिन उनका चयन नहीं हुआ था.तीसरी बार शिक्षा ने पहले से भी ज्यादा मेहनत की और चौथा रैंक हासिल करके अपने माता पिता का सपना पूरा किया.
दो बार असफल होने पर भी नहीं टूटा हौंसला : इससे पहले शिक्षा ने दो बार प्रीलिम्स की परीक्षा दी थी.लेकिन वो सफल नहीं हो पाई थी.लेकिन कभी भी शिक्षा ने अपनी असफलता को खुद पर हावी नहीं होने दिया. वो दोबारा जुटीं और पहले से अधिक मेहनत करने की कोशिश की.आखिरकार शिक्षा ने मेहनत के बूते अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया.शिक्षा की माने तो ये जरूरी नहीं कि किसी परीक्षा को पास करने के लिए आप घंटों पढ़ाई करें.बस इतना जरुरी है कि जितनी पढ़ाई करें उसे ईमानदारी से करें.
''परिवार की हिम्मत ही मुझे बल देती है. माता पिता ने दो बार असफल होने के बाद भी हिम्मत दी. उनकी हिम्मत से ही डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट तक पहुंची हूं.''- शिक्षा शर्मा,चयनित डिप्टी कलेक्टर
पीएससी में चयनित शिक्षा शर्मा के पिता पवन शर्मा ने के मुताबिक शिक्षा शुरू से ही होनहार स्टूडेंट रहीं हैं.पढ़ाई के प्रति शिक्षा ने हमेशा से ईमानदारी बरती और लगन के साथ तैयारियों में जुटी. शिक्षा के पिता का कहना है कि शिक्षा की सफलता उसकी अपनी मेहनत और लगन से है.क्योंकि वह शुरुआत से ही कुछ ऐसा सोच रखी थी कि उसे आगे बढ़ना ही है.
'' प्रशासनिक सेवा को लेकर शिक्षा ने कभी चर्चा तो नहीं की थी. लेकिन जब वो बीटेक कर रही थी तभी लगने लगा था कि बेटी आने वाले समय में कुछ ऐसा कर जाएगी कि परिवार और बिलासपुर को उस पर गर्व होगा.'' पवन शर्मा, शिक्षा के पिता
माता पिता की बातों को कभी नहीं किया अनदेखा : वहीं शिक्षा की मां श्रद्धा शर्मा की माने तो उनके परिवार में बड़ी बेटी भी सरकारी जॉब में है.बेटा भी पढ़ाई कर रहा है.इसलिए शिक्षा पर भी उन्हें पूरा भरोसा था. बड़ी बेटी ने तो अपना एम पूरा कर लिया है. छोटी बेटी भी डिप्टी कलेक्टर में चयनित हुई है. अब उन्हें अपने बेटे से भी उम्मीद है. शिक्षा की मां ने बताया कि शिक्षा हमेशा से ही माता पिता के बातों को मानती थी. कभी भी शिक्षा ने माता पिता की बातों को नजरअंदाज नहीं किया. यही कारण है कि उनकी बेटी हर परीक्षा में सफल रही है.
बिलासपुर की शिक्षा ने चौथी रैंक हासिल करके उन हजारों छात्रों को एक रास्ता दिखाया है.शिक्षा ने छात्रों को ये बताया है कि कैसे असफलता को अपने ऊपर हावी ना होने दें और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए डटे रहें.