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मनरेगा में फर्जीवाड़ा, अफसर की मिलीभगत से बिना काम कराए ही निकाल ली रकम

पेंड्रा जनपद क्षेत्र में एक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जहां बिना कार्य करवाए अधिकारियों की मदद से काम का भुगतान करा लिया . ग्रामीणों की सतर्कता के चलते फर्जीवाडे़ का खुलासा हो पाया है.

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Published : May 3, 2020, 10:21 PM IST

Updated : May 4, 2020, 2:39 AM IST

Case of a fraud in menrega at bilaspur
अधिकारियों की मिलीभगत से निकाले बिना काम करवाए पैसे

बिलासपुर: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के हितग्राही मूलक कामों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पेंड्रा जनपद के ग्राम पंचायत कुड़कई में भूमि समतलीकरण के काम में जनपद के अधिकारियों ने बिना काम करवाए भुगतान करवा लिया. वहीं जब मामला उजागर हुआ तो रातों-रात जेसीबी मशीन से काम कराकर फर्जीवाड़े को छुपाने की भी कोशिश की गई. वहीं जेसीबी से काम कराने की जानकारी जैसी ही ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधि को लगी, तो मौके पर पहुंचे पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों से गुंडों ने मारपीट भी की.

अधिकारियों की मिलीभगत से निकाले बिना काम करवाए पैसे

पंच और ग्रामीणों पर लाठी से हमला

रात 2 बजे जब मशीनें पहुंची और काम शुरू किया, तभी ग्रामीण ग्राम के पंच को लेकर मौके पर पहुंच गए और जेसीबी से कराए जा रहे मशीन कार्य का विरोध करने लगे. वहीं ग्रामीणों के विरोध करने पर जेसीबी के साथ आए गुंडों ने पंच और ग्रामीणों पर लाठी से हमला कर दिया. जिसके बाद पंच ने किसी तरह मामले को शांत करवाया और 112 हेल्पलाइन को खबर दी. वहीं जानकारी देने के बाद भी जब 112 नहीं पहुंची, तो ग्रामीणों ने इसकी सूचना मीडिया को दी. मौके पर मौजूद जेसीबी के निशान पूरे फर्जीवाड़े की कहानी कह रहे थे. बाद में जब जनपद के अधिकारी मौके पर आए तो उन्होंने भी मामले में चुप्पी साध रखी और किसी प्रकार का कोई बयान नहीं दिया. हालांकि, ग्रामीण मामले को लेकर काफी आक्रोशित हैं और पंचनामा कार्रवाई कर मामले की शिकायत प्रशासन और पुलिस से करने की बात कर रहे हैं.

अधिकारियों की मिलीभगत

खास बात यह है कि जब मनरेगा के कार्य की निगरानी ग्रामीणों के साथ-साथ पंच और सरपंच करते हैं कि, साथ ही कार्य के दौरान जनरेट में मास्टर रोल में रोजगार सहायक, सचिव तकनीकी सहायक, परियोजना अधिकारी मनरेगा और जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी की निगरानी के बाद सभी के हस्ताक्षर होते हैं. उसके बाद ही भुगतान किया जाना संभव है, लेकिन यहां बिना कार्य किए इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो जाना, अधिकारियों की मिलीभगत के बिना असंभव है.

बिलासपुर: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के हितग्राही मूलक कामों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पेंड्रा जनपद के ग्राम पंचायत कुड़कई में भूमि समतलीकरण के काम में जनपद के अधिकारियों ने बिना काम करवाए भुगतान करवा लिया. वहीं जब मामला उजागर हुआ तो रातों-रात जेसीबी मशीन से काम कराकर फर्जीवाड़े को छुपाने की भी कोशिश की गई. वहीं जेसीबी से काम कराने की जानकारी जैसी ही ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधि को लगी, तो मौके पर पहुंचे पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों से गुंडों ने मारपीट भी की.

अधिकारियों की मिलीभगत से निकाले बिना काम करवाए पैसे

पंच और ग्रामीणों पर लाठी से हमला

रात 2 बजे जब मशीनें पहुंची और काम शुरू किया, तभी ग्रामीण ग्राम के पंच को लेकर मौके पर पहुंच गए और जेसीबी से कराए जा रहे मशीन कार्य का विरोध करने लगे. वहीं ग्रामीणों के विरोध करने पर जेसीबी के साथ आए गुंडों ने पंच और ग्रामीणों पर लाठी से हमला कर दिया. जिसके बाद पंच ने किसी तरह मामले को शांत करवाया और 112 हेल्पलाइन को खबर दी. वहीं जानकारी देने के बाद भी जब 112 नहीं पहुंची, तो ग्रामीणों ने इसकी सूचना मीडिया को दी. मौके पर मौजूद जेसीबी के निशान पूरे फर्जीवाड़े की कहानी कह रहे थे. बाद में जब जनपद के अधिकारी मौके पर आए तो उन्होंने भी मामले में चुप्पी साध रखी और किसी प्रकार का कोई बयान नहीं दिया. हालांकि, ग्रामीण मामले को लेकर काफी आक्रोशित हैं और पंचनामा कार्रवाई कर मामले की शिकायत प्रशासन और पुलिस से करने की बात कर रहे हैं.

अधिकारियों की मिलीभगत

खास बात यह है कि जब मनरेगा के कार्य की निगरानी ग्रामीणों के साथ-साथ पंच और सरपंच करते हैं कि, साथ ही कार्य के दौरान जनरेट में मास्टर रोल में रोजगार सहायक, सचिव तकनीकी सहायक, परियोजना अधिकारी मनरेगा और जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी की निगरानी के बाद सभी के हस्ताक्षर होते हैं. उसके बाद ही भुगतान किया जाना संभव है, लेकिन यहां बिना कार्य किए इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो जाना, अधिकारियों की मिलीभगत के बिना असंभव है.

Last Updated : May 4, 2020, 2:39 AM IST
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