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बिलासपुर मुक्तिधाम में अब गैस शवदाह गृह से शवों का होगा अंतिम संस्कार - गौतम बुद्ध की प्रतिमा

बिलासपुर (Bilaspur) के सरकंडा (sarakanda) स्थित मुक्तिधाम (Muktidham) में शवों (Dead bodies) का अंतिम संस्कार (Funeral) गैस शवदाह गृह (Gas crematorium) से किया जाएगा. जिसका प्लांट (plant) स्थापित कर लिया गया है. जिसे मुक्तिधाम का नाम दिया गया है. मुक्तिधाम को गार्डन (Garden)की तरह तैयार किया गया है.

Gas cremation in Bilaspur Muktidham
बिलासपुर मुक्तिधाम में गैस शवदाह
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Published : Nov 18, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 10:26 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर (Bilaspur) के सरकंडा (sarakanda) स्थित मुक्तिधाम (Muktidham) में अब शवों (Dead bodies) का अंतिम संस्कार(Funeral) गैस शवदाह गृह (Gas crematorium) से किया जाएगा. यहां प्लांट (plant) भी स्थापित कर लिया गया है. दरअसल कोरोनाकाल के दौरान महामारी से हो रही मौत की वजह से शहर की सभी शमशान में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही थी और शवो के अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही थी.उस समय आम जनता के साथ ही प्रशासन को भी शवदाह गृह की आवश्यकता महसूस हुई.

शवदाह गृह से शवों का होगा अंतिम संस्कार

शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा

इसीलिए नगर निगम (Municipal council) ने प्रयास करते हुए यहां गैस वाली शवदाह गृह का प्लांट (gas crematorium plant) स्थापित कर लिया है. बतया जा रहा है कि इससे पर्यावरण (Environment) को भी नुकसान नहीं होगा और इस प्लांट में जलने वाले शव से निकलने वाला धुआं मशीन के द्वारा शुद्ध कर ऊपर आसमान में छोड़ दिया जाएगा. वहीं, यह शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली (eco friendly) धुंआ छोड़ेगा जिससे वातावरण भी शुद्ध रहेगा. यहां निगम ने गैस प्लांट स्थापित कर लिया है, जिसकी टेस्टिंग भी हो चुकी है. कोरोनाकाल (corona period) के दौरान शवो के अंतिम संस्कार के लिए जगह नही होने पर इसकी कमी महसूस की गई थी, इसके लिए प्रयास कर निगम ने इस काम को पूरा कर लिया है.

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मुक्तिधाम को व्यवसायी ने लिया था गोद

बताया जा रहा है सरकंडा नगर निगम मुक्तिधाम को शहर के एक व्यवसायी ने गोद ले लिया है.उसने मुक्तिधाम को गार्डन (Garden) की तरह तैयार करना शुरू कर दिया है. मुक्तिधाम में तरह-तरह के पेड़ पौधों के साथ ही पाथवे और चेयर की व्यवस्था की गई है. यहां अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों के लिए भी बैठने आराम करने और पानी पीने की व्यवस्था की गई है. पूरे मुक्तिधाम को गार्डन की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है.

गार्डन के तरह है मुक्तिधाम

वहीं, यहां का नजारा देखकर जरा भी एहसास नहीं होगा कि आप किसी मुक्तिधाम में है, बल्कि आपको पूरे समय यह लगेगा कि आप किसी गार्डन में तफरी कर रहे हैं. मुक्तिधाम में भगवान शंकर (Lord Shankar) की प्रतिमा के साथ ही गौतम बुद्ध की प्रतिमा (statue of gautam buddha) स्थापित की गई है. गौतम बुद्ध की प्रतिमा पुल पर स्थापित किया गया है, इसके साथ ही आंख बंद कर आराम करते भी गौतम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गई है. वहीं, मुक्तिधाम की दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे हुए हैं.भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे है. यहां पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ के साथ पाथवे को भी बेहतर रूप से तैयार किया गया है.

शाम को लोग आते हैं घूमने

बताया जा रहा है कि मुक्तिधाम में लोग शाम और सुबह जोगिंग करने भी आते हैं. यहां शाम और सुबह लोगों की भीड़ रहती है। कुछ आराम करने तो कुछ चलते फिरते जोगिंग करते नजर आते हैं. मुक्तिधाम को तैयार करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि लोग यहां गम के समय में आते हैं.साथ ही यहां का नजारा देखकर उनका मन कुछ शांत हो जाए और पीड़ा की घड़ी में कुछ देर के लिए मन को सुकून मिल सके.

बिलासपुर: बिलासपुर (Bilaspur) के सरकंडा (sarakanda) स्थित मुक्तिधाम (Muktidham) में अब शवों (Dead bodies) का अंतिम संस्कार(Funeral) गैस शवदाह गृह (Gas crematorium) से किया जाएगा. यहां प्लांट (plant) भी स्थापित कर लिया गया है. दरअसल कोरोनाकाल के दौरान महामारी से हो रही मौत की वजह से शहर की सभी शमशान में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही थी और शवो के अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही थी.उस समय आम जनता के साथ ही प्रशासन को भी शवदाह गृह की आवश्यकता महसूस हुई.

शवदाह गृह से शवों का होगा अंतिम संस्कार

शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा

इसीलिए नगर निगम (Municipal council) ने प्रयास करते हुए यहां गैस वाली शवदाह गृह का प्लांट (gas crematorium plant) स्थापित कर लिया है. बतया जा रहा है कि इससे पर्यावरण (Environment) को भी नुकसान नहीं होगा और इस प्लांट में जलने वाले शव से निकलने वाला धुआं मशीन के द्वारा शुद्ध कर ऊपर आसमान में छोड़ दिया जाएगा. वहीं, यह शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली (eco friendly) धुंआ छोड़ेगा जिससे वातावरण भी शुद्ध रहेगा. यहां निगम ने गैस प्लांट स्थापित कर लिया है, जिसकी टेस्टिंग भी हो चुकी है. कोरोनाकाल (corona period) के दौरान शवो के अंतिम संस्कार के लिए जगह नही होने पर इसकी कमी महसूस की गई थी, इसके लिए प्रयास कर निगम ने इस काम को पूरा कर लिया है.

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मुक्तिधाम को व्यवसायी ने लिया था गोद

बताया जा रहा है सरकंडा नगर निगम मुक्तिधाम को शहर के एक व्यवसायी ने गोद ले लिया है.उसने मुक्तिधाम को गार्डन (Garden) की तरह तैयार करना शुरू कर दिया है. मुक्तिधाम में तरह-तरह के पेड़ पौधों के साथ ही पाथवे और चेयर की व्यवस्था की गई है. यहां अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों के लिए भी बैठने आराम करने और पानी पीने की व्यवस्था की गई है. पूरे मुक्तिधाम को गार्डन की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है.

गार्डन के तरह है मुक्तिधाम

वहीं, यहां का नजारा देखकर जरा भी एहसास नहीं होगा कि आप किसी मुक्तिधाम में है, बल्कि आपको पूरे समय यह लगेगा कि आप किसी गार्डन में तफरी कर रहे हैं. मुक्तिधाम में भगवान शंकर (Lord Shankar) की प्रतिमा के साथ ही गौतम बुद्ध की प्रतिमा (statue of gautam buddha) स्थापित की गई है. गौतम बुद्ध की प्रतिमा पुल पर स्थापित किया गया है, इसके साथ ही आंख बंद कर आराम करते भी गौतम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गई है. वहीं, मुक्तिधाम की दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे हुए हैं.भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे है. यहां पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ के साथ पाथवे को भी बेहतर रूप से तैयार किया गया है.

शाम को लोग आते हैं घूमने

बताया जा रहा है कि मुक्तिधाम में लोग शाम और सुबह जोगिंग करने भी आते हैं. यहां शाम और सुबह लोगों की भीड़ रहती है। कुछ आराम करने तो कुछ चलते फिरते जोगिंग करते नजर आते हैं. मुक्तिधाम को तैयार करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि लोग यहां गम के समय में आते हैं.साथ ही यहां का नजारा देखकर उनका मन कुछ शांत हो जाए और पीड़ा की घड़ी में कुछ देर के लिए मन को सुकून मिल सके.

Last Updated : Nov 18, 2021, 10:26 PM IST
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