बिलासपुर: इस बजट में रेल कारखाना खोलने का प्रावधान हुआ तो आने वाले समय में बिलासपुर के विकास के साथ ही बिलासपुर का रेल मानचित्र में बड़ा नाम होगा. देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ही है. जिसका जोनल स्टेशन बिलासपुर है. इस बजट में पिछले सालों के बजट की तरह ही रेल बजट को भी शामिल कर दिया गया है. रेल बजट शामिल होने की वजह से अब भी लोगों में यह संशय है कि आखिर बिलासपुर जोन को क्या मिला और इससे छत्तीसगढ़ को कितना फायदा होगा.
बिलासपुर रेलवे जोन कमाऊ पूत: रेलवे के जानकार और पूर्व डीआरयूसीसी के मेंबर बजरंग लोहिया ने कहा कि "शुरुआत से ही बिलासपुर रेलवे जोन कमाऊ पूत रहा है. लेकिन यहां जो सुविधा होनी चाहिए उसकी अनदेखी की गई है. कई मामलों में जोनल स्टेशन में मिलने वाली सुविधाएं अन्य बड़े स्टेशनों की सुविधाओं से कहीं ज्यादा है. लेकिन जिस तरह की सुविधा और विस्तार यहां होना चाहिए. इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए वैसा अभी नहीं हो पाया है."
रेल कारखाना की मांग 25 साल पुरानी: पूर्व डीआरयूसीसी मेंबर बजरंग लोहिया ने कहा कि "पिछले 20 से 25 सालों से मैं मेंबर रहा और लगातार हमने रेल कारखाना की मांग की है. बजरंग लोहिया ने बताया कि "भारत के 10-12 जोन में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जोन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे है. बिलासपुर जोनल स्टेशन के साथ ही कोरबा और अन्य जिले लदान के साथ ही ट्रांसपोर्टिंग में सबसे ज्यादा पैसा देने वाला जोन है. बावजूद इसके यहां वह सुविधाएं रेल मंत्रालय ने नहीं दिया है जिसका वो हकदार है."
रेल कारखाना खुलने से मिलागा लाभ: पूर्व डीआरयूसीसी मेंबर बजरंग लोहिया ने कहा कि "यहां रेल कारखाना खुल जाएगा तो इसकी आए बड़ तो जाएगी. साथ ही सुविधाओं में विस्तार भी होगा. छत्तीसगढ़ के लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा. यह शहर विकास और बाहर से आने वाले लोगों के लिए नई सुविधाएं तैयार करेगा. अभी जिस तरह से दूसरे जोन से कोच तैयार होकर आ रहे हैं वहीं कोच यदि बिलासपुर रेल कारखाना में तैयार होंगे तो रेल मंत्रालय को इसका लाभ तो होगा ही यहां की आम जनता को भी लाभ मिलेगा."
वंदे भारत भी शायद यही तैयार होती: बजरंग लोहिया ने आगे कहा कि "यदि 20 साल पहले उनकी मांग रेल मंत्रालय मान गया होता तो शायद देश की सबसे तेज दौड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन बिलासपुर के रेल कारखाने में तैयार होता. तब छत्तीसगढ़ के साथ ही बिलासपुर का नाम पूरे देश में रोशन होता. सबसे अधिक आय देने के बावजूद भी इसे सौतेला व्यवहार सहना पड़ता है. छत्तीसगढ़ में रेल मंत्रालय ने ऐसा कोई खास स्टेशन और व्यवस्था नहीं दिया है. जिससे यहां के लोगों को इसका लाभ मिले. राज्य के विकास में सहयोगी बन सके. रेल मंत्रालय शुरू से ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से अधिक राजस्व तो लेता है. लेकिन सुविधा और विस्तार के नाम पर कोई खास सौगात नहीं दिया है.