बिलासपुर: बीते दिनों प्राइवेट स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद से प्राइवेट स्कूलों और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अभिभावकों का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश जारी करने के बाद निजी स्कूल उनसे अब मोटी फीस वसूल रहे हैं. साथ ही अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस उनसे वसूल की जा रही है. साथ ही फीस ना देने पर बच्चों को टीसी दे देने की धमकी भी स्कूल प्रबंधन दे रहे हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने आदेश जारी कर स्कूलों से अभिभावकों से फीस वसूल नहीं करने को कहा था. जिसके खिलाफ प्राइवेट स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि उन्हें कम से कम ट्यूशन फीस लेने की अनुमति अदालत प्रदान करें ताकि स्कूल के संचालन समेत शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों का वेतन भुगतान सही समय पर किया जा सके.
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केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को बिलासपुर जिले के 22 स्कूलों की दायर की गई याचिका पर फैसला जारी किया था. हाईकोर्ट ने उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति प्रदान की थी. इस विषय पर ETV भारत ने निजी स्कूलों की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी करने वाले वकील आशीष श्रीवास्तव से भी बात की. उन्होंने कोर्ट के आदेश के बारे में बताया कि निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने की अनुमति हाईकोर्ट ने प्रदान की है.
रिव्यू पिटीशन दायर करने का लिया जा सकता है फैसला
साथ ही ट्यूशन फीस की पिछले साल जो तय दर थी उसी दर पर वसूल की जाए, ऐसा आदेश में साफ-साफ लिखा हुआ है. आगे उन्होंने कहा कि अगर किसी अभिभावक को कोई शिकायत है तो मामले में वह रिव्यू पिटीशन फाइल कर सकते हैं.