ETV Bharat / state

बिलासपुर में अंग्रेजों के जमाने का ये पुल कहलाएगा रामसेतु, निगम में प्रस्ताव पास - अरपा नदी

Bilaspur Ram Setu bridge बिलासपुर में अंग्रेजों के जमाने का बना मजबूत पुल अब रामसेतु कहलाएगा. बिलासपुर नगर निगम में ये प्रस्ताव पास हो गया है. ​

Bilaspur Ram Setu bridge
अंग्रेजों के जमाने का ये पुल कहलाएगा रामसेतु
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 14, 2024, 9:33 PM IST

बिलासपुर में अंग्रेजों के जमाने का ये पुल कहलाएगा रामसेतु

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम की मां कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ ही है. छत्तीसगढ़वासी भगवान राम को अपने भांजे के रूप में पूजते हैं. छतीसगढ़िया खुद को श्री राम का मामा कहते हैं. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के लोग राम मंदिर निर्माण और रामलाल की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी उत्साहित हैं. उनका उत्साह इतना ज्यादा है कि वह अब शहर की धरोहर और शहर के अन्य स्थान का नाम भगवान राम और सीता के नाम पर रख रहे हैं.

अंग्रेजों के जमाने का है पुल: बिलासपुर की जीवन दायिनी अरपा नदी में अंग्रेजों के जमाने के बने 100 साल से भी पुराने पुल का नाम अब रामसेतु हो गया है. ये पुल रामसेतु के नाम से जाना जाएगा. अरपा नदी पर बना यह पुल दशकों से राहगीरों को नदी के आर-पार जाने के काम आ रहा है. आज भी यह पहले की तरह मजबूत है. इस पुल को नगर निगम की ओर से रामसेतु नाम दिया जा रहा है. जहां एक ओर पूरे देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह है. वहीं, दूसरी ओर बिलासपुर में भी कई अलग-अलग समिति और आम जनता राम के धुन में रम गए हैं. इसके साथ ही राजनीतिक दल भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी-अपनी ओर से कुछ ना कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वह परिचायक बन रहा है. पुराना पुल रामसेतु बनकर शहर के नागरिकों और राहगीरों के लिए नदी पार कराने का काम करेगा.

भगवा रंग में पूरे पुल को रंगने के बाद अमृत मिशन योजना के तहत पानी सप्लाई के लिए लगाए गए बड़े-बड़े पाइप में रामायण और रामचरितमानस के दोहे और चौपाई लिखे जाएंगे. इन दोहे और चौपाई के साथ ही इसका अर्थ भी लिखा जाएगा, ताकि लोग जान सके कि धर्म ग्रंथ में उनके लिए क्या उपदेश दिया गया है. इन उपदेशों को व्यक्ति अपने जीवन में अमल करें. भगवान राम की स्तुति करें, तो उसका जीवन संवर जाएगा. यही वजह है कि रामसेतु के नामकरण के बाद यहां लोग धर्म की बातें जानने और इसे समझने के लिए आएंगे.-अभिजीत मित्रा, हिंदू संगठन

निगम ने दिया रामसेतु का नाम: छत्तीसगढ़ में कोनी के बिलासपुर कोरबा सड़क के किनारे अरपा नदी और सड़क के बीच की जगह को राम जानकी वाटिका के नाम से जाना जाएगा. वहीं अंग्रेजों के समय से बने अरपा नदी के पुल को रामसेतु का नाम दिया जा रहा है. यह पुल दशकों से लोगों के आवागमन का साधन बना हुआ था. लेकिन अब यह बूढ़ा हो गया है. इसलिए राज्य सरकार ने पुल के दोनों तरफ आवागमन के लिए दो नए पुल तैयार कर दिए हैं. लेकिन अभी भी यह पुल पहले की तरह सीना ताने खड़ा हुआ है. इसकी मजबूती को देखते हुए नगर निगम ने इसे रामसेतु का नाम दिया है.

रामसेतु के पुख्ता सबूत पर सीएम बघेल का बयान, कहा भाजपा को देशवासियों से मांगनी चाहिए माफी
Patna Floating Stone : गंगा में तैरता मिला त्रेता युग का चमत्कारी पत्थर.. राम नाम की महिमा मानकर पूजा पाठ शुरू, देखें VIDEO
छत्तीसगढ़ में रामसेतु को लेकर पॉलिटिक्स हाई, कांग्रेस पर बरसे धरमलाल कौशिक

बिलासपुर में अंग्रेजों के जमाने का ये पुल कहलाएगा रामसेतु

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम की मां कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ ही है. छत्तीसगढ़वासी भगवान राम को अपने भांजे के रूप में पूजते हैं. छतीसगढ़िया खुद को श्री राम का मामा कहते हैं. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के लोग राम मंदिर निर्माण और रामलाल की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी उत्साहित हैं. उनका उत्साह इतना ज्यादा है कि वह अब शहर की धरोहर और शहर के अन्य स्थान का नाम भगवान राम और सीता के नाम पर रख रहे हैं.

अंग्रेजों के जमाने का है पुल: बिलासपुर की जीवन दायिनी अरपा नदी में अंग्रेजों के जमाने के बने 100 साल से भी पुराने पुल का नाम अब रामसेतु हो गया है. ये पुल रामसेतु के नाम से जाना जाएगा. अरपा नदी पर बना यह पुल दशकों से राहगीरों को नदी के आर-पार जाने के काम आ रहा है. आज भी यह पहले की तरह मजबूत है. इस पुल को नगर निगम की ओर से रामसेतु नाम दिया जा रहा है. जहां एक ओर पूरे देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह है. वहीं, दूसरी ओर बिलासपुर में भी कई अलग-अलग समिति और आम जनता राम के धुन में रम गए हैं. इसके साथ ही राजनीतिक दल भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी-अपनी ओर से कुछ ना कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वह परिचायक बन रहा है. पुराना पुल रामसेतु बनकर शहर के नागरिकों और राहगीरों के लिए नदी पार कराने का काम करेगा.

भगवा रंग में पूरे पुल को रंगने के बाद अमृत मिशन योजना के तहत पानी सप्लाई के लिए लगाए गए बड़े-बड़े पाइप में रामायण और रामचरितमानस के दोहे और चौपाई लिखे जाएंगे. इन दोहे और चौपाई के साथ ही इसका अर्थ भी लिखा जाएगा, ताकि लोग जान सके कि धर्म ग्रंथ में उनके लिए क्या उपदेश दिया गया है. इन उपदेशों को व्यक्ति अपने जीवन में अमल करें. भगवान राम की स्तुति करें, तो उसका जीवन संवर जाएगा. यही वजह है कि रामसेतु के नामकरण के बाद यहां लोग धर्म की बातें जानने और इसे समझने के लिए आएंगे.-अभिजीत मित्रा, हिंदू संगठन

निगम ने दिया रामसेतु का नाम: छत्तीसगढ़ में कोनी के बिलासपुर कोरबा सड़क के किनारे अरपा नदी और सड़क के बीच की जगह को राम जानकी वाटिका के नाम से जाना जाएगा. वहीं अंग्रेजों के समय से बने अरपा नदी के पुल को रामसेतु का नाम दिया जा रहा है. यह पुल दशकों से लोगों के आवागमन का साधन बना हुआ था. लेकिन अब यह बूढ़ा हो गया है. इसलिए राज्य सरकार ने पुल के दोनों तरफ आवागमन के लिए दो नए पुल तैयार कर दिए हैं. लेकिन अभी भी यह पुल पहले की तरह सीना ताने खड़ा हुआ है. इसकी मजबूती को देखते हुए नगर निगम ने इसे रामसेतु का नाम दिया है.

रामसेतु के पुख्ता सबूत पर सीएम बघेल का बयान, कहा भाजपा को देशवासियों से मांगनी चाहिए माफी
Patna Floating Stone : गंगा में तैरता मिला त्रेता युग का चमत्कारी पत्थर.. राम नाम की महिमा मानकर पूजा पाठ शुरू, देखें VIDEO
छत्तीसगढ़ में रामसेतु को लेकर पॉलिटिक्स हाई, कांग्रेस पर बरसे धरमलाल कौशिक
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.