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आतंकवाद विरोधी दिवस: बिलासपुर पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ ली शपथ - LTTE

21 मई को देशभर में आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है. शुक्रवार को भी प्रदेश के कई जिलों में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया. इसी कड़ी में बिलासपुर में भी पुलिसकर्मियों ने शपथ ली. इस शपथ के जरिए आतंकवाद का विरोध करने की बात कही गई.

bilaspur police took oath
पुलिसकर्मियों ने ली शपथ
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Published : May 21, 2021, 9:20 PM IST

बिलासपुर: आतंकवाद विरोधी दिवस के मौके पर बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, राजपत्रित अधिकारियों के कार्यालय और पुलिस थाने में शपथ दिलाई गई. पुलिस अधिकारियों ने देश की अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में विश्वास रखते हुए, आंतकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करने और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ ली. पुलिसकर्मियों ने आम लोगों को आतंकवाद और हिंसा के मार्ग से दूर रखने का भी प्रण किया.

पूर्व पीएम वीपी सिंह ने की थी घोषणा

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने की आधिकारिक घोषणा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने की थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से इस दिन को हर साल इसी रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद विरोधी प्रतिज्ञा ली जाती है. स्कूलों में विशेष तौर पर बच्चों को इस विषय में जागरूक किया जाता है. हालांकि कोरोना के इस दौर में स्कूलों में पढ़ाई बंद होने की वजह से इस मौके पर बच्चे इस साल इसमें शामिल नहीं हो सके.

दंतेवाड़ा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी को दी श्रद्धांजलि

क्या थी घटना ?

21 मई 1997 को राजीव गांधी एक रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर गए थे. उनके सामने एक महिला आई जो लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आतंकवादी समूह की सदस्य थी (LTTE, Liberation Tigers of Tamil Eelam). उसके कपड़ों के नीचे विस्फोटक थे. उसने पीएम से संपर्क किया और कहा कि वह उनके पैर छूना चाहती है. जैसे ही वह पैर छूने लगी, अचानक विस्फोट हुआ जिसमें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का निधन हो गया. इस घटना में 25 और लोग भी मारे गए थे.

बिलासपुर: आतंकवाद विरोधी दिवस के मौके पर बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, राजपत्रित अधिकारियों के कार्यालय और पुलिस थाने में शपथ दिलाई गई. पुलिस अधिकारियों ने देश की अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में विश्वास रखते हुए, आंतकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करने और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ ली. पुलिसकर्मियों ने आम लोगों को आतंकवाद और हिंसा के मार्ग से दूर रखने का भी प्रण किया.

पूर्व पीएम वीपी सिंह ने की थी घोषणा

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने की आधिकारिक घोषणा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने की थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से इस दिन को हर साल इसी रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद विरोधी प्रतिज्ञा ली जाती है. स्कूलों में विशेष तौर पर बच्चों को इस विषय में जागरूक किया जाता है. हालांकि कोरोना के इस दौर में स्कूलों में पढ़ाई बंद होने की वजह से इस मौके पर बच्चे इस साल इसमें शामिल नहीं हो सके.

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21 मई 1997 को राजीव गांधी एक रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर गए थे. उनके सामने एक महिला आई जो लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आतंकवादी समूह की सदस्य थी (LTTE, Liberation Tigers of Tamil Eelam). उसके कपड़ों के नीचे विस्फोटक थे. उसने पीएम से संपर्क किया और कहा कि वह उनके पैर छूना चाहती है. जैसे ही वह पैर छूने लगी, अचानक विस्फोट हुआ जिसमें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का निधन हो गया. इस घटना में 25 और लोग भी मारे गए थे.

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