बिलासपुर: शहर में महानगरों की तर्ज पर 'रोटी बैंक बिलासपुर' के नाम से युवाओं ने 11 सितंबर 2018 को एक टीम की शुरुआत की, जो आज तक निरंतर है. इमरजेंसी समय को छोड़ दें, तो लगभग प्रतिदिन इनकी टीम जरूरतमंदों और गरीबों को भोजन कराती है, जिन्हें बिलासपुर पुलिस ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. "रोटी बैंक का एक ही सपना, कोई न सोये भूखा अपना" इसी उद्देश्य से इस टीम की शुरूआत पांच लोगों ने की, जिनमें राहुल शर्मा, रितेश शर्मा चीकू, पत्रकार संजय यादव, राजेश मनवानी और दीपा यादव ने की.
इन युवाओं के साथ युवतियां भी कदम से कदम मिलाकर लोगों की सेवा कर रही हैं. सबसे खास बात ये है कि इस टीम को प्रसाशन और सरकार से कोई मदद नहीं मिलती, लेकिन इस टीम के प्रत्येक सदस्य आपस में ही एक दूसरे से सहयोग राशि लेकर इस कार्य को अंजाम देते हैं. साथ ही साथ अगर किसी के घर खुशियां, शादी बर्थडे, तेरहवीं जैसे काम होता है, तो रोटी बैंक को अपने तरफ से गरीबों को खाना के लिए सहयोग करतें हैं.
रेलवे स्टेशन पहुंचकर भूखों को खिलाते हैं खाना
शुरुआत में सबसे पहले इस टीम के लोग रेलवे स्टेशन पहुंचकर वहां भूखे लोगों को फ्री में खाना खिला रहे थे, जो अब रेलवे स्टेशन के साथ-साथ शहर के सिम्स अस्पताल और आसपास के जरूरतमंद गरीबों को खाना बांटते हैं. इन युवाओं की खास बात ये है कि दिन भर यह अपने ड्यूटी में रहते हैं और ड्यूटी खत्म होने के बाद रात में अपने कार्य में लग जाते हैं. रोटी बैंक बिलासपुर के मुखिया राहुल शर्मा पेशे से इंजीनियर हैं. इस टीम के सभी सदस्य कोई नौकरी पेशा है, तो पत्रकार है, कोई बिजनेस करने वाले है. सभी सदस्य अपने ड्यूटी करने के बाद शाम को घर आते हैं.
बिलासपुर पुलिस ने किया सम्मानित
लॉकडाउन के 2 वर्ष पहले और कोरोना महामारी के कारण भूख से पीड़ित लोगों तक भोजन पंहुचाने और गरीबों को खाना खिलाने के लिए बिलासपुर पुलिस ने सम्मानित किया है, जिसका श्रेय रोटी बैंक ने अपने उन सभी साथियों और दानदाताओं को दिए, जिन्होंने इस रोटी बैंक का साथ दिया. साथ ही सभी को दिल से धन्यवाद आभार व्यक्त किया. रेलवे स्टेशन से शुरूआत हुई ये टीम रोटी बैंक को अगर शासन प्रसाशन की मदद मिले, तो निश्चित ही भूखों की पेट भरने के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा.