बिलासपुर: हाईकोर्ट ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन मामले में दायर याचिकाओं को निराकृत करते हुए यह मामला अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर बताया. पिछली सरकार के दौरान दायर याचिका में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता अपने आवेदन शासन के सामने पेश कर सकते हैं.
संविलियन मामले में राज्य की पिछली सरकार के जारी आदेश में कहा गया था कि आठ साल की सेवा पूरी कर लेने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जाएगा. लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के आदेश को पलटते हुए शिक्षाकर्मियों की आठ साल की सेवा अवधि को घटाकर दो साल कर दिया. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार जिन शिक्षाकर्मियों ने दो साल की सेवा पूरी कर ली है उनका संविलियन कर दिया जाएगा.
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संविलियन मामला शासन के अधीन
पिछली सरकार के दौरान संविलियन किए गए शिक्षाकर्मी संत कुमार और बलवंत कुमार ने हाईकोर्ट से वेटेज की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन शिक्षा कर्मियों की याचिका को राज्य सरकार के अधीन बताया. हाईकोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता शासन के सामने अपना आवेदन दे सकते हैं.
अन्य मामले में भी हाईकोर्ट ने की सुनवाई
छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम ने जनवरी में अनियमितता को लेकर पांच फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हे ब्लैक लिस्ट कर दिया था. ब्लैक लिस्ट किए गए 5 फर्मों में से 2 फर्मों ने निगम के इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. दायर याचिका में कहा गया था कि उन्हें किसी भी तरह की सुनवाई का मौका दिए बगैर ही उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने फर्मों के खिलाफ निगम की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद ब्लैक लिस्ट किए गए फर्मों को बड़ा झटका लगा है.